शिलचर के मनिफुटिला गाँव में पेयजल का संकट गहराया

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। निकटवर्ती भोराखाई गांव पंचायत के अंतर्गत आने वाले मनिफुटिला गांव में जल जीवन मिशन के तहत पानी न मिलने की गंभीर समस्या उभर कर सामने आई है। इस गांव के कई घरों में अभी भी पीने के पानी की सुविधा नहीं है, जिससे वहां के निवासियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य हर घर तक पाइपलाइन द्वारा पीने का पानी पहुंचाना है। इस मिशन के तहत, ग्रामीण इलाकों में भी स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गई थी। मोदी सरकार का वादा है कि 2024 तक हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाया जाएगा, लेकिन भोराखाई गांव पंचायत की स्थिति इस वादे की असफलता को उजागर करती है। यहां के लोग आज भी पीने का पानी दूर से भरकर लाने को मजबूर हैं। 

मनिफुटिला गांव के निवासी बताते हैं कि जल संकट के कारण उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पानी भरने के लिए उन्हें कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इस समस्या ने न केवल उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। साफ पानी की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर विशेष असर पड़ रहा है। गांववासियों का कहना है कि जल जीवन मिशन की योजना और निर्माण कार्य में शामिल कांट्रेक्टर और इंजीनियर की गलतियों के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने परियोजना को सही ढंग से नहीं निष्पादित किया, जिससे गांव में पानी की पाइपलाइन ठीक से स्थापित नहीं हो पाई। उनकी लापरवाही और अनदेखी ने गांववासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मनिफुटिला गांव में जल संकट के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी कई जरूरतमंदों को अब तक घर नहीं मिला है। 

भोराखाई गांव के सुदन बाक्ति का कहना है कि वह पिछले एक साल से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के लिए गुहार लगा रहा है, लेकिन अभी तक उसे घर नसीब नहीं हुआ है। मजबूरी में उसे उत्सव मंडप पर सोने के लिए विवश होना पड़ रहा है। वहीं, अर्जुन दुसाध नामक व्यक्ति प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के लिए लगातार प्रयास करते-करते इस दुनिया से विदा हो गया, लेकिन उसे घर नहीं मिल सका। अर्जुन दुसाध ने पूर्व सांसद राजदीप राय से भी गुहार लगाई थी, परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मनिफुटिला गांव की दुर्दशा इन योजनाओं की खामियों और कांट्रेक्टर एवं इंजीनियर की अनदेखी को स्पष्ट रूप से दिखाती है। यहां के लोगों को जल संकट और आवास समस्या से निजात दिलाने के लिए  ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह स्थिति इन योजनाओं के लक्ष्यों को हासिल करने में असफलता की गंभीरता को दर्शाती है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इन समस्याओं का समाधान कर पाता है और गांववासियों को उनकी मूलभूत आवश्यकताएँ, स्वच्छ पेयजल और आवास, कब मिल पाती हैं?

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