सचिन गुप्ता, खतौली। प्रदेश की बेहतर हुई कानून व्यवस्था से प्रदेश का व्यापारी सुरक्षित व भय मुक्त होकर व्यापार तो कर रहा है, लेकिन व्यापार करने में कुछ कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा है। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल खतौली के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत कराया।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल खतौली के नगराध्यक्ष राजेश ने बताया कि आज व्यापारी आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। बेलगाम अफसरशाही भी व्यापारी के सम्मान के साथ खिलवाड कर रही है। पॉलिथीन बन्दी के नाम पर व्यापारी का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है, जबकि पॉलिथीन बंद का हम समर्थन करते हैं। समस्या के स्थाई समाधान के लिए पॉलिथीन का उत्पादन ही पूर्णतया बंद किया जाना चाहिए। देश व प्रदेश में लागू जी एस टी कर प्रणाली में काफी विसंगतिया है। आवश्यक खाद्य पदार्थ जैसे दाल, चावल, सूजी, मैदा बेसन को जी एस टी मुक्त करना चाहिए। सभी मसालों पर एक समान कर होना चाहिए। सर्वे के नाम पर जी एस टी अधिकारियों द्वारा व्यापारी पर मानसिक व आर्थिक दबाव बनाया जाता है व भारी राशि जुर्माने के रूप में लगा दिया जाता है।
प्रदेश में कृषि उत्पादन मंडी शुल्क लागू है, जबकि एक देश एक टैक्स की नीति में देश के अधिकांश प्रदेशो में मंडी शुल्क लागू नही है। कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में भी मंडी शुल्क समाप्त कर दिया गया था। इसको तुरन्त समाप्त किया जाना चाहिए। बाट माप तौल विभाग में दुकान पर अगर प्रमाणित प्रदर्शित न होने के कारण विभाग द्वारा भारी जुर्माना लगा दिया जाता है। व्यापारी को प्रमाण पत्र दिखाने के लिए समय दिया जाना चाहिए। व्यापारी को विभाग के नियमों से अवगत कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
व्यापार मंडल मिलावट रहित सामान बेचने के लिए वचनबध है। खाद्य विभाग के अधिकारी बाजार में जब चेकिंग के लिए आते है, मगर जहाँ उत्पादन होता है उन ठिकानों पर नही जाते, जबकि मिलावट उत्पादन कर्ता ही समाप्त कर सकता है।
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से उक्त समस्याओं का निराकरण किए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजने वालों में राजेश जैन, भावेश गुप्ता, देवेंद्र गुप्ता, मुकेश तायल, अरविंद वर्मा, मदन छाबड़ा शाहिद अन्य सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहें।