जाति प्रमाण जारी करने के लिए खतौली लेखपाल का नियम, बाप का प्रमाण पत्र होगा तो ही बच्चे का बनेगा

शि.वा.ब्यूरो, खतौली। कस्बा लेखपाल के अनुसार अब विधायिका को नियम कानून बनाने का कोई अधिकारी नहीं है। सारे कानून बनाने और उनका पालन करने का अधिकार कस्बे के लेखपाल विपिन मोतला ने खुद में सुरक्षित कर लिये हैं। लेखपाल विपिन मोतला ने जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नया नियम बनाया है कि अगर किसी के पिता का जाति प्रमाण पत्र बना है तो ही उसके बच्चे का जाति प्रमाणपत्र बनाया जायेगा। 

बता दें कि लेखपाल विपिन मोतला ने ये नियम केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि उस पर पूरी तरह अमल कर रहे हैं। जाति प्रमाण के आॅनलाइन आवेदन की मौके पर जांच करने की कोई जरूरत नहीं मानते हुए उन्होंने नियम बना दिया है कि यदि किसी बच्चे के पिता जाति प्रमाणपत्र बना हुआ है तो ही वे बच्चे का जाति प्रमाण पत्र बनायेंगे। 

ताजा मामला कुन्द-कुन्द विहार निवासी कुमारी पलक पुत्री संजीव कुमार का है। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र बनवाने के तीन बार आॅनलाईन आवेदन किया, लेकिन लेखपाल विपिन मोतला ने उसे मौके पर जाये बिना किसी जांच के ही आवेदन निरस्त कर दिया। जब उनसे बात की गयी तो उन्होंने बताया कि जनपद में कुर्मी जाति निवास नहीं करती है, इसलिए प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता है। जब उन्हें परिवार के अन्य लोगों के जाति प्रमाण पत्र दिनांक 12 फरवरी 2024 दिखाया गया तो उन्होंने उसे सिरे से ही नकार दिया। उनसे जब उच्चाधिकारियों से इस बाबत बात करने की बात कही तो उन्होंने कहा कि चाहें जिसके पास चले जाओ, जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जायेगा। जब कुर्मी क्षत्रिय समाज के जिलाध्यक्ष हवलेश पटेल ने अपना हवाला दिया तो उन्होंने दो टूक कहा कि ये बात उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर जाति प्रमाण पत्र जारी करने व उक्त निरंकुश लेखपाल के खिलाफ कार्यवाही कराने को कमर कस ली है।

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