गोस्वामी तुलसीदास (तुलसी जयंती पर विशेष)

डॉ. दशरथ मसानिया,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

सावन शुक्ला सप्तमी,संवत् चौदह जान।
तुलसी हुलसी कोंख से,हिन्दी भक्ती आन।।१
बालक रामा बोलता, पिता आत्माराम।
राजापुर बाँदा जिला,उत्तर का है धाम।।२
तू कहते है राम को, ल से लक्ष्मण लाल ।
सी मतलब मातु सिया,दास बसे हनुमान।।३
जेठ शुक्ल की त्रयोदशी,सुंदर रत्ना संग।
मोहरूप संसार में,बँधे राग के रंग ।।४
साँप बना था रासरी,काम रोग के संग।
रत्ना की फटकार से, मोह हुआ सब भंग।।५
रत्नावली के रूप से,रीझ गये थे आप।
नरहरि गुरू दूर किये, मन के सब संताप ।।६
रामचरित मानस लिखा,विनय पत्रिका गान।
मंगल सीता पार्वती, अरु बाहुक हनुमान ।।७
सात कांड में रच दिया,रामचरित सा ग्रंथ ।
तुलसी सेवक राम के,काम क्रोध मद भंग।।८
रामचरित तुमने लिखी, दोहा चौपइ छंद।
बीच बीच में सोरठा, रचे ताल में बंध ।।९
तुलसी तेरे धाम पे, राम लखन को वास।
राम कथा को सुनत है, वीर कपी से दास ।।१०
तुलसी तेरे राम ने, सबका कर निर्माण ।
भवसागर को पार करि, करते जग कल्याण ।।११
दरबार कोठी 23, गवलीपुरा आगर, (मालवा) मध्यप्रदेश

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