तेल एवं प्राकृतिक गैस कमिशन में राजभाषा अधिनियम कार्यशाला आयोजित

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। ओएनजीसी श्रीकोना में राजभाषा अधिनियम कार्यशाला आयोजित की गई। पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य शिलचर के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप कुमार ने राजभाषा अधिनियम के बारे में कार्यशाला में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।

सर्वप्रथम असम अराकान वलित पट्टी अन्वेषण परिसंपत्ति के परिसंपत्ति प्रबंधक विपुल गोहाँई का भूतल प्रबंधक मोहिंदर वर्मा ने उत्तरीय से सम्मान किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि दिलीप कुमार का परिसंपत्ति प्रबंधक विपुल गोहाँई ने उत्तरीय से स्वागत किया। परिसंपत्ति प्रबंधक विपुल गोहाँई ने ओएनजीसी के सभी अधिकारियों कर्मचारियों से अधिक से अधिक राजभाषा हिंदी में काम करने की अपील की तथा बताया कि पहले की तरह राजभाषा में काम करना कठिन नहीं बल्कि आसान हो गया है। मुख्य अतिथि दिलीप कुमार राजभाषा अनुपालन के लिए आवश्यक नियमों के बारे में उपस्थित सदस्यों को विस्तार पूर्वक जानकारी दिया। राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3), राजभाषा नियम 1976 के नियम 5, राजभाषा नियम 1976 के नियम 8(4), नियम 11 तथा नियम 12 के अनुपालन के बारे में विशेष रूप से जानकारी प्रदान किया। उन्होंने अनुवाद टुल कंठस्थ तथा शब्दकोश हिंदी शब्द सिंधु संस्करण 2 के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी का मतलब साहित्यिक हिंदी नहीं है बल्कि सरल और आम भाषा में बोलचाल वाली हिंदी है। आजकल मोबाइल में बोलकर भी हिंदी टाइप हो जाता है, इसलिए हिंदी में काम करना बहुत आसान हो गया है। राजभाषा का अनुपालन प्रेरणा, प्रोत्साहन और पुरस्कार से ही किया जाएगा। अनुवाद करते समय ध्यान देना है शब्दानुवाद नहीं करना है।
       कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों का प्रश्नोत्तर के दौरान जिज्ञासा समाधान भी किया गया। राजभाषा विभाग के प्रभारी विपुल गुप्ता ने प्रोजेक्टर के माध्यम से राजभाषा विभाग की अनुवाद और अन्य विषयों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यशाला का संचालन राजभाषा विभाग के सहयोगी राजन कुंवर ने किया। कार्यशाला में वेधन सेवा प्रमुख सतीश चंद्र कोली एवं दूसरे पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।

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