शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी में विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया जिसके मुख्य अतिथि डॉ0 अर्पण जैन रहे। इस कार्यक्रम के दौरान श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के निदेशक डॉ0 एस एन चौहान, एसआरजीसी रिर्सच डॉ0 आरपी सिंह, श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ0 अशोक कुमार, श्रीराम कॉलेज की प्राचार्या डॉ0 प्रेरणा मित्तल श्रीराम कॉलेज आफ फार्मेसी के निदेशक डॉ0 गिरेन्द्र कुमार गौतम, श्रीराम कॉलेज डीन एकेडमिक्स डा विनीत कुमार शर्मा, डॉ0 जगपाल सिंह, आदि मौजूद रहे।
फार्मासिस्ट डे हर साल 25 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य फार्मासिस्टों के योगदान को पहचानना और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है। फार्मासिस्ट न केवल दवाइयों के वितरण और उचित उपयोग में अहम भूमिका निभाते हैं, बल्कि मरीजों को दवाइयों से जुड़ी जानकारी और उचित परामर्श भी प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के प्रथम पड़ाव में अतिथि विज्ञान को शामिल किया गया ।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 अर्पण जैन फिजियोथेरेपिस्ट एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ ने छात्रों के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए कहां की फार्मासिस्ट एवं डॉक्टर दोनों ही समाज के महत्वपूर्ण अंग है। जो अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि दवाई निर्माण एवं डिस्ट्रीब्यूशन में फार्मासिस्ट अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा कोरोना महामारी के दौरान फार्मासिस्ट की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई थी। उन्होंने मरीजों को आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की, टीकाकरण अभियान में सक्रिय योगदान दिया और महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान की।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर प्रेजेंटेशन शामिल किया गया। जिसके द्वारा छात्रों ने पोस्टर के माध्यम से फार्मासिस्ट के योगदान का वर्णन किया । अमित राठोर एवं आदित्य कुमार सिंघल ने अपने वक्तव्या द्वारा फार्मेसी क्षेत्र से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। श्री राम कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के निर्देशक डॉ0 गिरेन्द्र कुमार गौतम ने जानकारी दी की फार्मासिस्ट दवाओं के विशेषज्ञ होते हैं और वे डॉक्टरों और मरीजों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। उनका मुख्य कार्य सुनिश्चित करना है कि मरीजों को सही दवाएं मिलें, सही खुराक में और सही समय पर मिले। इसके अलावा, उन्होंने दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी और मरीजों को स्वास्थ्य सुधार के सुझाव भी प्रदान किये ।
कार्यक्रम में साबिया परवीन, टिंकू कुमार, लोकेश कुमार, अक्षिता सिंघ्वाल, ज्योति जैन, अवि दुबे, आरती मुस्सयब खान इत्यादि अध्यापको का योगदान रहा।