उत्तर प्रदेश में दो पीसीएस अफसर फिर सस्पेंड, जांच हुई तो कई और की भी फंस सकती है गर्दन

हवलेश कुमार पटेल, खतौली। योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मनमाने तरीके से कृषि भूमि का पट्टा करने के मामले में फर्रुखाबाद जनपद में एडीएम न्यायिक के पद पर कार्यरत पीसीएस अफसर स्वाति शुक्ला न्यायिक को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। इसी प्रकार एटा जनपद में एसडीएम के पद पर तैनात पीसीएस अफसर प्रतीत त्रिपाठी को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

आरोप है कि प्रतीक त्रिपाठी ने हरदोई में अपनी तैनाती के दौरान 71 अपात्रों को कृषि भूमि के पट्टे कर दिये थे, जिसकी शिकायत की जांच शासन स्तर पर चल रही थी। जांच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर उन्हें सस्पेंड किया गया है। जांच मंे दोषी पाये जाने पर इसी प्रकरण में राजस्व निरीक्षक व लेखपाल पर भी निलम्बन की गाज गिरी है। मामले की जांच अब और अब ’इस मामले’ की जांच लखनऊ के मंडलायुक्त को दी गई है।

सूत्रों की मानें तो विभिन्न मामलों में प्रदेश’ के आधा दर्जन पीसीएस अफसरों’ पर निलंबन की तलवार लटकी हुई है। उत्तर प्रदेश में विगत दो महीनों में लगभग एक दर्जन पीसीएस अफसर, तीन तहसीलदार और दो नायब तहसीलदार ’सस्पेंड किए जा चुके है। जानकारों की मानें तो जनपद में भी राजस्व से जुड़े कई मामलों में भारी घोटाले की चर्चा है। खतौली तहसील में विगत कई माह में राजस्व से जुड़े से कई मामलो में भ्रष्टाचार की चर्चा है। सूत्रों की मानें तो कई मामलों में कृषि भूमि को रिहायसी भूमि करने में मोटी रकम राजस्व अधिकारियांे ने सांठगांठ करके वसूल की है। सूत्रों का मानना है कि अगर मामले की जांच की गयी तो कई लोगों की गर्दन फंस सकती है। 

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