वन नेशन वन एजुकेशन आज समय की जरूरत, सरकार कानून बनाए

गुर्जर डा ओमकार नाथ कटियार एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली। अभी हाल में केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कानून बनाए जाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी ले ली, जिसमे देश को फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा जिसके बारे में बाद में चर्चा करेगे, जिसमे देश को सही मायने में प्रबुद्ध भारत और सुरक्षित भारत को बनाने को पीछे छोड़ कर देश और देश वासियों को गुमराह करने में और किसी प्रकार सत्ता हथियाने हेतु कदम उठाया है, जबकि भारत में जिन कानून की नितांत आवश्यकता है, उनको नजरंदाज किए हैं ऐसी सोच और कम बुद्धि के कारण देश में लोकतंत्र की जगह लूट तंत्र का राज चल रहा है, ये सिलेवरी होने का प्रतीक हैं अंग्रेजो ने जिस तरह 341 साल 1606से 1947 तक जो जो खेल किए भारतीयों को सिलेवरी क्लास (दास वर्ग )बनाकर रखा उसकी झलक आज भी 99% भारतीयों में दिखाई दे रही हैं भारत बटवारा को ये आज़ादी कहते आ रहे हैं झूठ यानी फर्जरी पर अगर देश में कानून होता तो आज कोई देश को गुमराह नही कर पाते अमेरिका और यूरोप में झूठ को लेकर सख्त कानून है, भारत में आज तक नही है, जिसके कारण झूठ बोल कर सत्ता की दलाली हो रही है ऐसे ही भारत में लॉ ऑफ टार्ट लागू नहीं है, अगर जबकि इंग्लैंड में ये कानून 1702 से लागू है और जितने लोकतांत्रिक देश है, सभी देश में टार्ट लॉ लागू है, क्योंकि बिना टार्ट लॉ के कोई देश लोकतंत्र स्थापित नही कर सकता 

भारत में भी टार्ट लॉ आज तक लागू नही है ये सत्ता में बैठे सभी नेताओ की मानसिक दिवालियापन का द्योतक हैं अगर लॉ ऑफ टार्ट के साथ लायबिलिटी पर कानून बने, तो भारत की 95%समस्याओं का अंत हो जाएगाउसकी प्रकार देश में सेपरेशन ऑफ पावर्स पर कानून होना चाहिए एक साधारण पुलिस का सिपाही वर्दी पहनकर सीओ की पावर दिखाता है, उसी प्रकार एक किसी भी सरकारी दफ्तर का बाबू वहा के उस अधिकारी का आधिकार बताता है, जिसके कारण भ्रष्टाचार पनप रहा है, इसलिए सेपरेशन ऑफ पॉवर पर भारत सरकार को कानून बनाना चाहिए l ठीक उसी प्रकार भारत सरकार को फार्जरी और फ्रॉड पर भी मजबूत कानून बनाने की जरूरत है और भारत की समृद्धि के लिए वन नेशन वन एजुकेशन पर तुरन्त कानून बनना चाहिए l अब तक की सभी सरकार अपने हितों और अपनी पार्टी के हितों को देख कर काम करती आ रही हैं, उनको सबसे पहली देश हित को देख कर कानून बनाना चाहिए l

डा. लोहिया जी कहा करते थे कि कानून तो सड़को पर बनते हैं संसद और विधानसभाओं में सिर्फ मोहर लगती हैं, इसलिए देश वासियों को चाहिए कि सरकार कोई भी बनाए पर उक्त कानून बनाने वाले बुद्धिजीवी राजनेताओं और पार्टियों को वोट देगे। अगर ये कानून लागू हों जाय तो भ्रष्टाचार और अन्य अपराध अपने आप कम हो जायेगे, इसलिए वन नेशन वन इजुएक्शन पर तुरंत कानून बने l आप सभी बड़े हैरत में होगे कि गौतम बुद्ध के कुछ सिद्धांत के अलावा भारत के किसी भी विद्वान का नाम कानुनशास्त्री के रूप में दुनिया के देशों में स्वीकार्य नहीं है। यहां तक डा आंबेडकर जी का भी नही, क्योंकि ये सब करने के लिए jurisprudence जयूरिस परयूडेनस के माध्यम से असली सिद्धांत विकसित होते हैं, जो भारतीयों मे है नही l इसलिए वन नेशन वन एजुकेशन की देश को सख्त जरूरत है l
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