योग गुरु स्वामी भारत भूषण ने बताई शरद पूर्णिमा में उल्लास की वजह

गौरव सिंघल, सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान में 52वें वर्ष के शरद पूर्णिमा महोत्सव में गो दुग्ध से विधिवत तैयार करके रात भर चंद्रिका में पुष्ट की गई चीनी रहित शरद पूर्णिमा खीर और लवंग सेव का प्रसाद पाने के साथ-साथ शरदोत्सव का आनंद लेने के लिए संस्थान में मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने शरद पूर्णिमा के रोग निवारक, स्वास्थ्य प्रदाता और योग में त्राटक, ध्यान और समाधि से जुड़ी महत्ता समझाने के साथ ही इस दिन  महर्षि बाल्मीकि के अवतरण और योगेश्वर कृष्ण के महारास की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

पद्मश्री सेठपाल और सचिन कुमार के  यजमानत्व में संपन्न हुए पूर्णिमा यज्ञ के बाद सभी ने स्निग्ध चंद्रिका पर त्राटक व चन्द्रध्यान के अभ्यास के बाद पुष्प जैन के बांसुरी वादन के बीच महारास की झलक का आनंद लिया और डा अशोक गुप्ता के आचार्यत्व में पूर्ण चंद्र का सोलह नामों के साथ आवाहन किया। डा अशोक गुप्ता ने शरद पूर्णिमा पर वनौषधियों के परिपक्व होने और आश्रम में श्वास त्वचा व हृदय रोगों से बचाव के लिए बनाई जाने वाली विशेष खीर, लवंग सेव और नेत्रज्योति के लिए ओस के प्रयोगों की विस्तार से जानकारी दी और सुमन्यु सेठ, नारायण, शिवम वर्मा और पुरु ने खीर प्रसाद के साथ मौसम के पहले आंवले व सेठपाल द्वारा उपजाए गए ऑर्गेनिक सिंघाड़े का प्रसाद वितरित किया। 

प्रदीप कंबोज और पूनम वर्मा के भजन व संकीर्तन में सभी शामिल हो कर झूम उठे और महर्षि बाल्मीकि को श्लोक अंताक्षरी के साथ याद करने के साथ ही उनके द्वारा रचित रामायण के श्लोक बोलने का सभी ने गुरुमाता इष्ट शर्मा, योगाचार्यों अनीता शर्मा, आलोक श्रीवास्तव सीमा गुप्ता प्रदीप कंबोज के साथ अभ्यास किया। अमरनाथ इंजीनियर अमरनाथ व ललित वर्मा की हास्य प्रस्तुतियों ने  इस उल्लास पर्व को सार्थक कर दिया। अधिशासी अभियंता आलोक श्रीवास्तव ने सबसे लंबी शंख ध्वनि करके खूब तालियां बटोरीं। आयोजन का विशेष आकर्षण पांच दशक से भी अधिक पुराने साधकों गुलशन निझारा, हेमंत अरोरा, राखी अरोरा, स अवतार सिंह, स अमरजीत सिंह, जसविंदर कौर और मुकेश शर्मा की सक्रिय भागीदारी रही।

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