गौरव सिंघल, देवबंद। रामलीला भवन में आयोजित रामलीला में वृंदावन के कलाकार रामलीला का मंचन कर रहे हैं। बीती रात रामलीला में कलाकारों ने शबरी मिलन, राम-सुग्रीव मित्रता, बाली वध व लंका दहन की लीलाओं का मंचन किया। मंचन में कलाकारों ने दिखाया कि प्रभु श्रीराम, भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज में जंगल में भटक रहे हैं। जंगल में एक कुटी में वृद्धा प्रभु नाम का जप कर रही है। श्रीराम के कुटी में प्रवेश करते ही वृद्धा अपना परिचय प्रभु भक्त शबरी के रूप में देती है। श्रीराम के प्रेम के वशीभूत होकर उन्हें झूठे बेर खिला देती है और श्रीराम व लक्ष्मण को आगे ऋष्यमूक पर्वत पर जाने का रास्ता बतलाती है। ऋष्यमूक पर्वत पर विराजमान वानर राज सुग्रीव राम और लक्ष्मण को आते देख डर जाते हैं। हनुमानजी को ब्राह्मण का रूप धारण कर उनके बारे में पता लगाने के लिए कहते हैं। श्रीराम से परिचय पूछने पर श्रीराम ने हनुमानजी को बताया कि विधाता ने जो भी कुछ लिख दिया है उसे मिटाने वाला कोई नहीं है। हम अपने पिता दशरथ का वचन मानकर यहां आए हैं। निशाचर ने हमारी पत्नी सीता को चुरा लिया है। यह वचन सुनकर हनुमान उनके पैरों में गिर जाते हैं। प्रभु की सारी बाते समझ दोनों भाइयों को कंधे पर बैठाकर सुग्रीव के पास ले जाते हैं और कहते हैं कि यह आपकी पूरी सहायता करेंगे। श्रीराम के पूछने पर सुग्रीव अपने भाई बाली के बारे में बताते हैं। सुग्रीव की बात सुनकर बाली को मारने के लिए श्रीराम-लक्ष्मण चले जाते हैं। दोनों भाइयों की सूरत एक समान होने के कारण वह बाली को मार नहीं पाते। दूसरे दिन सुग्रीव के गले में पहचान के लिए मोती की माला पहनाकर बाली का वध किया जाता है और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया गया। हनुमानजी को सीता माता का पता लगाने के लिए समुद्र लांघ कर रावण की लंका में भेज दिया जाता है। सीता की खोज करने के बाद हनुमानजी भूख लगने पर रावण के बाग को उजाड़ देते हैं। रावण का पुत्र मेघनाथ हनुमानजी को बंदी बनाकर रावण के आदेश पर पूंछ में आग लगा देता है। जिसके बाद पूरी लंका में आग लग जाती है। रामलीला में राकेश सिंघल, विशाल गर्ग, रितेश बंसल, लोकेश गर्ग, अमित गर्ग, अनुज अग्रवाल, देवीदयाल शर्मा, संजय सिंघल ने सपरिवार आरती उतारी।
शबरी मिलन व बाली वध का मंचन देखकर भाव-विभोर हुए दर्शक