यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने पुरस्कृत किया
शि.वा.ब्यूरो, अहमदाबाद। विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं। डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। उक्त उद्गार 'विश्व डाक दिवस' पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन न सिर्फ विश्व भर की डाक सेवाओं को जोड़ रहा है, बल्कि तमाम प्रतियोगिताएं के माध्यम से युवाओं में रचनात्मकता का भी विकास कर रहा है। जीपीओ में पोस्टमास्टर जनरल ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता में शांति एशियाटिक स्कूल अहमदाबाद की हेतवी नितिन मेहता को परिमंडल स्तर पर प्रथम पुरस्कार के रूप में 25000/- और महाराजा अग्रसेन विद्यालय अहमदाबाद की मीरा ठक्कर को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10,000/- और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि 'विश्व डाक दिवस' का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक व आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि एक विश्व-एक डाक प्रणाली की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर 1874 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। उन्होंने कहा कि भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। उन्होंने कहा कि कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन ( यूपीयू ) अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा है, अत: इस वर्ष की थीम है संचार को सक्षम बनाने और राष्ट्रों के लोगों को सशक्त बनाने के 150 वर्ष। 
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक विभाग 170 वर्षों के अपने सफर में तमाम ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक घटनाक्रम का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सूचना एवं संचार क्रांति के चलते तमाम नवीन तकनीकों का आविष्कार हुआ है और डाक सेवाओं ने भी समय के साथ नव-तकनीक के प्रवर्तन, अपनी सेवाओं में विविधता एवं अपने व्यापक नेटवर्क के चलते विभिन्न संगठनों के उत्पादों व सेवाओं के वितरण एवं बिक्री हेतु उनसे गठजोड़ करके अपनी निरंतरता कायम रखी है। उन्होंने कहा कि डाक विभाग की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं। डाकिया डाक लाया के साथ डाकिया बैंक लाया भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें-आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, गंगा जल भी डाकघरों द्वारा ही पहुँचायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा,डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।


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