शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। शहर के नदी घाट पर स्थित प्राचीन सिद्ध पीठ देवी मंदिर में चतुर्दशी के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सवेरे से ही बड़ी संख्या में भक्त मां शाकंभरी और मां बाला सुंदरी की संयुक्त पीठ के समक्ष नतमस्तक होते नजर आए। श्रद्धालुओं ने मंदिर में हलवा, पूरी, नारियल और माता के श्रृंगार का सामान चढ़ाकर मन्नतें मांगी। मंदिर समिति ने भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की थी और पूजा अनुष्ठान का संचालन मंदिर के मुख्य सेवक पंडित संजय कुमार गुरु जी ने किया। उन्होने बताया कि वर्ष भर मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी के अवसर पर भक्तों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। विशेष रूप से नवरात्रों के उपरांत चतुर्दशी का दिन भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन जाता है।
मंदिर समिति की ओर से पंडित महेश कुमार, पंडित शैंकी मिश्रा, पंडित संजय कुमार आदि पूरे वर्ष की भांति चतुर्दशी पर भी पूजन एवं व्यवस्था बनाने में लग रहे। सिद्ध पीठ देवी मंदिर अपनी आध्यात्मिक महत्ता के साथ-साथ अपने विशेष स्थान के कारण भी जाना जाता है। यह मंदिर तांत्रिक त्रिकोण में स्थित है, जिसके चारों ओर क़ब्रिस्तान, श्मशान घाट और काली नदी बहती है। भक्तों का मानना है कि इस स्थान की तांत्रिक शक्तियों के कारण यहां की गई पूजा-अर्चना का फल शीघ्र ही प्राप्त होता है। चतुर्दशी के अवसर पर भक्तों को चमत्कारी भभूत का वितरण किया गया, जिसे देवी की कृपा से तुरंत प्रभावी माना जाता है। भक्तों में इस भभूत की विशेष मान्यता है और वे इसे अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए ग्रहण करते हैं।
मंदिर में इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसे स्थानीय मनु स्वीट्स परिवार से अभिनव अग्रवाल और अर्जुन अग्रवाल द्वारा प्रायोजित किया गया। भंडारे में सैकड़ों भक्तों ने हलवा-पूरी का प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन भक्तों के बीच धार्मिक आस्था और समाजिक सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। मंदिर परिसर में सुबह से लेकर देर समय तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तों ने माता के दर्शन किए और पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। मंदिर समिति ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उन्हें व्यवस्था बनाए रखने के लिए धन्यवाद दिया। मंदिर में पूजा का विशेष महत्व होने के कारण यह स्थल न केवल शहर के लोगों के लिए बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले भक्तों के लिए भी आस्था का केंद्र है।