श्रीराम कॉलेज में साइबर सुरक्षा पर साप्ताहिक कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम कॉलेज कें कंप्यूटर संकाय द्वारा साइबर सुरक्षा पर साप्ताहिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सिस्को व निट फाउंडेशन के सौजन्य से अयोजित की गयी। निट फाउंडेशन से आये विशेषज्ञ गगन अरोरा ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुये बताया कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो डिजिटल उपकरणों, नेटवर्क, और डेटा को विभिन्न खतरों से बचाने का काम करता है। आज के समय में, जब इंटरनेट और डिजिटल तकनीक का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है, साइबर सुरक्षा की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ गई है।

साइबर सुरक्षा का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराध, डेटा चोरी और हैकिंग जैसी घटनाओं से महत्वपूर्ण डेटा और सिस्टम की सुरक्षा करना है। इसके लिए विभिन्न तकनीकें और प्रक्रियाएं उपयोग की जाती हैं, ताकि किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति या संगठन को संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने से रोका जा सके। साइबर सुरक्षा से संबंधित कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं। हैकर्स और साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों का आविष्कार कर रहे हैं ताकि वे सुरक्षा उपायों को तोड़ सकें। इसके कारण साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को हमेशा नए खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना पड़ता है। जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा उपकरण इंटरनेट से जुड़ रहे हैं, यह साइबर अपराधियों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है। इन उपकरणों की सुरक्षा भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इनके लिए अक्सर मजबूत सुरक्षा उपाय नहीं होते। अधिक से अधिक व्यवसाय और व्यक्ति क्लाउड सेवाओं पर निर्भर हो रहे हैं। हालांकि क्लाउड सेवाए सुविधाजनक होती हैं, लेकिन वे भी साइबर खतरों का शिकार हो सकती हैं यदि उचित सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए जाते। कभी-कभी खतरे किसी संगठन के अंदर से भी आते हैं। उदाहरण के लिए, कोई कर्मचारी जानबूझकर या अनजाने में संवेदनशील डेटा को लीक कर सकता है। इस प्रकार की घटनाओं से निपटना साइबर सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है।
विभिन्न साइबर खतरों पर प्रकाष डालते हुये उन्होने बताया कि मैलवेयर एक प्रकार का हानिकारक सॉफ्टवेयर है, जिसमें वायरस, वार्म्स और स्पाईवेयर शामिल होते हैं। इनका उद्देश्य सिस्टम को नुकसान पहुंचाना होता है। फिशिंग के अन्तगर्त धोखाधड़ी करने वाले ईमेल या मैसेज के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं, ताकि वे संवेदनशील जानकारी जैसे पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुरा सकें। डीडीओएस अटैक द्वारा हैकर्स किसी वेबसाइट या सेवा पर भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजकर उसे ठप कर देते हैं। रैनसमवेयर द्वारा हैकर्स किसी भी सिस्टम या डेटा को लॉक कर देते हैं और उसे वापस पाने के लिए फिरौती की मांग करते हैं।
इसके पश्चात साइबर सुरक्षा के अनेक उपाय बताये जैसे कि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर द्वारा आप मैलवेयर और वायरस से सिस्टम की सुरक्षा कर सकते हैं। उन्होने बताया कि हमेषा लंबा और जटिल पासवर्ड बनाएं और उसे नियमित रूप से बदलते रहें। सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करते रहे व फायरवॉल का उपयोग कर अनाधिकृत एक्सेस को रोक सकते है। अन्त में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न कैरियर विकल्पो पर भी प्रकाष डालते हुये उन्होने कहा कि विद्यार्थी इस क्षेत्र में साइबर सुरक्षा विश्लेषक, नेटवर्क सुरक्षा इंजीनियर, एथिकल हैकर व सूचना सुरक्षा प्रबंधक के तौर पर कार्य कर सकते हैं।  
कम्प्यूटर संकाय के डीन निषांत राठी ने बताया कि साइबर सुरक्षा आज के डिजिटल युग में एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। चाहे वह एक व्यक्ति हो या कोई संगठन, सभी के लिए अपने डेटा और नेटवर्क की सुरक्षा आवश्यक है। साइबर सुरक्षा में रुचि रखने वालों के लिए यह एक रोमांचक और महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है, क्योंकि आने वाले समय में इस क्षेत्र की मांग और बढ़ने की संभावना है। उन्होने सिस्को द्वारा आयोजित परीक्षा में 70 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 200 विद्यार्थियों को सर्टीफिकेट प्रदान करते हुये शुभकामनायें दी।  
कॉलेज के निदेषक डॉ. अषोक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये इस कार्यशाला के आयोजन की प्रषंसा की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन द्वारा विद्यार्थी सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे प्रसार एवं तकनीक से अवगत रहते है व उनके तकनीकी ज्ञान का विकास होता है।
कार्यशाला में  नीतू सिंह, विष्वास कुमार, संजय कान्त त्यागी, अमित त्यागी, प्रवीण कुमार, डा0 प्रमोद कुमार, हिमाशु होरा, सिंद्धांत गर्ग, अंकुर रोहेला, नवनीत चौहान, अजय कुमार, राहुल गौतम, राहुल मेनवाल, शुभम तायल, निधि, विधि तायल, वैष्नवी षुक्ला, कुलदीप धीमान, रविकेष कुमार, अमित राठी, हंस कुमार, मनोज पुण्डीर, दिनेष यादव आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। 
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