सचिन गुप्ता, खतौली। सरकार चाहें जितने भी दावे कर ले, लेकिन खाकी अपना खेल कर ही देती है, कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि खाकी की करनी का नतीजा सरकार को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही एक खेल यहां पुलिस ने हवालात में बंद लोगों को वांछित दिखाकर उन्हें दूसरे स्थान से गिरफ्तार करना दर्शा कर पूरी व्यवस्था पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।
सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले एक परिवार के दो भाइयों में कहासुनी के बाद मारपीट हो गई थी। मारपीट के बाद पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई थी। दोनों पक्षों की डॉक्टरी भी कराई गई थी। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की तो उसे जांच पड़ताल में पुलिस ने अपना बचाव कर रहे व्यक्ति की वीडियों को आधार बनाते हुए उसे आरोपी बना डाला। जिस युवक ने अपने आपको गंभीर घायल दिखाया वह युवक मारपीट के बाद एक वीडियो में पुलिस के पास खड़ा सही दिखाई दे रहा है, लेकिन पुलिस ने सत्यता की जांच किए बिना ही दूसरे पक्ष पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर डाला, इतना ही नहीं दो दिन से हवालात में बंद पिता-पुत्र को वांछित बना दिया और दोनों पिता नसीम पुत्र रफीक व पुत्र अनस पुत्र नसीम को जानसठ अड्डे से गिरफ्तार करना बता दिया।
जानकारों के अनुसार ऐसा कैसे हो सकता है जब कोई व्यक्ति हवालात में बंद हो और वह वांछित भी हो। यदि थाने के सीसीटीवी फुटेज अधिकारी देखे तो उसमें साफ नजर आएगा, कि जिन्हें वंचित दर्शाया गया है वह थाने पर ही मौजूद थे। पीड़ितों ने आशंका व्यक्त की है कि पुलिस अपने खिलाफ सबूत को मिटाने के लिए सीसीटीवी की फुटेज को डिलीट करा सकती है। पुलिस द्वारा किए जा रहे इस खेल से आमजन में रोष है।
बता दें कि ढाकन चैक पर एक दुकान कई दशक से किराए पर ली हुई है। उस किराए की दुकान को लेकर नफीस और अतीक के बीच विवाद चल रहा है। कुछ दिन पहले नफीस ने अपने साथियों के साथ मिलकर अतीक की कुट्टी की दुकान को बिस्मार करते हुए वहां पर रखे सारे सामान को चोरी कर लिया था। अतीक ने इस मामले में थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमें की पैरवी अतीक के अपाहिज होने के कारण उसका छोटा भाई नसीम उर्फ मोटा मिस्त्री कर रहा था। पुलिस से लगातार सवाल जवाब करने के कारण मामले की जांच कर रहे दरोगा ने नसीम की दुकान पर पहुंचकर उसे धमकी दी थी। विगत दो दिन पहले नफीस का लड़का ट्रैक्टर लेकर नसीम उर्फ मोटे की दुकान पर पहुंचा और गली क्लोज करते हुए वहां से भाग गया। इसके बाद नसीम ने इस मामले की सूचना 112 पर दी। नसीम 112 को लेकर आरोपी का घर दिखाने जा रहा था। 112 रास्ते में पीछे रह गई इसी बीच नसीम और नफीस के बीच कहासुनी हो गई। उन्होंने नसीम उर्फ मोटे पर हमला कर दिया। दोनों पक्षों में मारपीट होने पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां से नसीम उर्फ मोटे को अपने साथ थाने ले आई। मौके पर ही पुलिस के पास नफीस का लड़का साकिब सही हालत में दिखाई दे रहा था, परंतु कुछ देर साकिब घायल अवस्था में थाने पहुंचा, तो पुलिस ने उसे डाक्टरी के लिए भिजवा दिया। चिकित्सकों ने उसे रेफर कर दिया। बाद में नसीम उर्फ मोटे की भी डाक्टरी कराई गई। उसे भी रेफर किया गया, नसीम उर्फ मोटा जिला अस्पताल में भर्ती था। पुलिस ने नसीम को थाने पूछने आए उसके बेटों को हवालात दिखा दी। पुलिस ने मौके से वही वीडियों लिया जिसमें नसीम आरोपी नजर आ रहा था। उन्होंने वहां पर लगे अन्य कैमरा को देखना भी गवारा नहीं समझा। इंस्पेक्टर बृजेश कुमार शर्मा तथा दरोगा विक्रांत ने अपनी मनमानी करते हुए नसीम उर्फ मोटे तथा उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं अस्पताल में उपचार कर रहे नसीम उर्फ मोटे तथा हवालात में बंद उसके बेटे को वंचित तक दिखा डाला। खाकी ने अपना खेल करते हुए निर्दोषों को आरोपी बनाकर वंचित दिखाते हुए उन्हें बरामद कर अपनी पीठ थपथपा ली। यदि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो स्थानीय पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे हैं इन खेलों का पर्दाफाश हो सकता है।