आर्थिक रूप से कमजोर सिखों की मदद करे शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी

गौरव सिंघल, देवबंद । पीलीभीत में 9 सिख परिवारों के धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन जाने व गुरूद्वारा कमेटी द्वारा इन परिवारों के सामाजिक बहिष्कार पर उ.प्र. सिख फोरम कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंथ की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी से गहरी नींद से जागने की अपील की है। प्रेस को जारी बयान में उ.प्र. सिख फोरम के महामंत्री गुरजोत सिंह ने कहा कि ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदू व सिख धर्म के लोगों को ईसाई बनाने का मिशन पंजाब में कामयाब होने के बाद अब पूरे देश में फैलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीलीभीत जैसे सिख बाहुल्य इलाके में ऐसी घटना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि सिखों का इतिहास धर्म की रक्षा के लिए जान देने वालों का रहा है। इतिहास गवाह है कि सिख पूर्वजों ने अपनी शहादतें दी लेकिन धर्म नही बदला। धर्म परिवर्तन करने वाले ऐसे लोग सच्चे सिख नहीं हो सकते। 

उन्होंने क्षेत्रीय गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ऐसे सिख परिवारों का सामाजिक बहिष्कार के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि पंजाब में बड़े पैमाने पर आर्थिक रूप से पिछड़े सिख समुदाय का ईसाई धर्म में परिवर्तन हो रहा है। वहीं, स्थिति अब उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में बनने लगी है। उन्होंने पंथ की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को गहरी नींद से जागने की अपील करते हुए कहा कि शिरोमणि कमेटी को बड़े धार्मिक आयोजनों व भोग विलास पर खर्च की जा रही लाखों करोड़ो की धनराशि के बजट को कम करके आर्थिक रूप से कमजोर सिखों की मदद करने की आवश्यकता है यदि समय रहते नहीं चेते तो कौम को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेगे।
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