होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज में विद्यार्थी जीवन कौशल कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज जडौदा में विद्यार्थियों जीवन को सफल एवं कौशलयुक्त बनाने के लिए एक ‘‘विद्यार्थी जीवन कौशल कार्यशाला’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यवक्ता वंश वाधवान प्रशिक्षक एवं युवा लेखक नई दिल्ली, अतिथि अजय वाधवान तथा प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। वंश वाधवान ने विद्यार्थी जीवन को सफल बनाने के लिए जीवन कौशल सूत्रों को बताया। 

उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में सुनहरे अवसर आते रहते है मगर हम उन्हें पहचान नहीं पाते और खोते रहते है अतः कभी भी कोई भी अवसर हाथ से न जाने दे। हमें अपने कम्फर्ट जोन को हमेशा बढाते रहना है और अपनी सीमाओं से परे कार्य करना। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं और योग्यता का 100 प्रतिशत प्रयोग करना है। दूसरों को अपने आप पर हावी न होने दें, अपने जीवन का रिमोर्ट कन्ट्रोल अपने हाथ में रखे न कि दूसरों के हाथ में दें। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें हर कदम पर प्रेरित करती रहती है, बस हम उस प्रेरणा को महसूस करते रहना है और उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन को कौशलयुक्त बनाते रहना है। अपनी अहम भावना के विषय में बताते हुए विद्यार्थियों को बताया कि अहम भावना कोई गलत चीज नहीं है बस हमें अपनी अहम भावना को नियंत्रित करना है।

उन्होंने अपनी बात को निरन्तर कहते हुए बताया कि हमें किसी भी कार्य से परेशान होकर ये कहे बस इतना ही स्वयं को कहने से बचे और आगे सकारात्मक सोच के साथ जीवन में बढते रहें। अपने शिक्षकों, माता-पिता एवं सिखाने वालो के प्रति हमेशा विनम्रता का भाव रखें, क्योंकि विनम्रता जीवन का वह गुण है, जो हमें सफलता की ओर बढाती है। हर मनुष्य का अपना एक स्वप्न होता है जिसे वह पूरा करना चाहता है, लेकिन कोई भी सपना तब तक पूरा नहीं होता जब तक हम उस पर कार्य नहीं करते। सपने वह नहीं होते जो हम बंद आँखों से देखते है बल्कि वे होते है जो हमें सोने नहीं देते। 

उन्होंने कहा कि व्यवहारिक ज्ञान हमेशा किताबी ज्ञान पर भारी रहता है अतः हमें किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी सीखना है, व्यवहारिक ज्ञान किसी किताबों से नहीं सीखा जा सकता।प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया द्वारा मुख्यवक्ता एवं अतिथि को स्मृति चिह्न एवं बुके देकर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को जीवन कौशल बढाने के लिए मुख्यवक्ता द्वारा बताये गये सूत्रों को अपने जीवन में उतार लेना चाहिए।

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