श्रीराम कॉलेज में ’’दुग्ध उत्पादों के निर्माण के लिये उन्नत दृष्टिकोण’’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम कॉलेज के कृषि विज्ञान, गृह विज्ञान एवं बायो साइन्स विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से स्वस्थ और स्वच्छ दुग्ध उत्पादों के निर्माण के लिए उन्नत  दृष्टिकोण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ0 सविता आर्या सीनियर साइंटिस्ट गृह विज्ञान के.वी.के.बघरा, विशिस्ठ अतिथि डॉ0 दीपक शर्मा साइंटिस्ट डेयरी साइन्स के.वी.के. बघरा, श्रीराम कॉलेज की प्राचार्य डॉ0 प्रेरणा मित्तल, श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ0 अशोक कुमार, डीन एकेडमिक डॉ0 विनीत शर्मा, निदेशक श्रीराम कॉलेज ऑफ फार्मेसी डॉ0 गिरेन्द्र गौतम, बायोसाइंस विभागाध्यक्ष डॉ0 विपिन सैनी गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ0 श्वेता राठी एंव कृषि विभागाध्यक्ष डॉ0 नईम द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ0 सविता आर्य, सीनियर साइंटिस्ट गृह विज्ञान के.वी.के.बघरा ने अपने संबोधन मे बताया कि दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है। क्योंकि दुध में शरीर को जरुरी पोषण देने वाले सारे तत्व होते हैं। तभी तो शिशु को दूध पिलाने से ही सरे पोषण तत्व मिल जाते है। नवजात से लेकन वृद्ध अवस्था तक के लिए दुध जरूरी आहार है। दूध कैल्शियम और पोटेशियम का एक शक्तिशाली श्रोत है जो हड्डियों और दांतो को मजबूत बनाता है। साथ ही दूध मे लैक्टोज चीनी तुरंत ऊर्जा श्रोत के रूप मे कार्य करती है जबकि विटामिन बी सहित विटामिन और खनिजो का स्पेकट्रम तंत्रिका तंत्र के स्वस्थ कामकाज को बढ़ावा देता है। दूध मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ बनाए रखने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर डॉ दीपक शर्मा, साइंटिस्ट डेयरी साइन्स के.वी.के. बघरा ने बताया कि मिलावटी दूध का सेवन हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है अगर हम मिलावटी दूध का सेवन करते है तो ये हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है पानी, यूरिया और जैसी मिलावट दूध के पोषण को कम कर देती है। मिलावट दूध के नियमित सेवन से पाचन सम्बंधी समस्याए, भोजन मे विषाक्ता और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। बच्चे और बुजुर्ग लोगो पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमे मिलावटी दूध के सेवन से दूर रहना चाहिए। हमे विश्वसनीय श्रोतो से ही दूध खरीदना चाहिए।
इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ0 अशोक कुमार ने अपने सम्बोधन मे बताया कि 26 नवंबर को हर साल राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता हैं जिसका श्रेय डॉ0 वर्गीज कुरियन को जाता है। डॉ0 वर्गीज कुरियन ने दूध के उत्पादन मे वृद्धि करने और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए काफी योगदान दिया था, इसलिए डॉ0 वर्गीज कुरियन को मिल्कमैन ऑल इंडिया भी कहा जाता है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर भारतीय डेयरी एसोसिएशन और 22 राज्य स्तरीय दूध फेडरेशन ने 2014 में डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को दुग्ध दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
इस कार्यक्रम का उददेश्य सभी विध्यार्थियों को दुग्ध दिवस तथा दुध उत्पादो मे हो रहे मिलावट के प्रति जागरूक कराना रहा। सेमिनार के दौरान अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमे पोस्टर प्रतियोगिता मे कृषि विभाग  से प्रथम स्थान उत्तम प्रताप, परी कुमारी, वाजिहा हैदर, द्वितीय स्थान मोहम्मद अमरुल्लाह, मोहम्मद साहिद अफरीदी तथा तृतीय स्थान अनिकेत कुमार, रबिश कुमार व सांत्वना पुरस्कार आदित्य राज को मिला। वही गृह विज्ञान मे पोस्टर प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान फिरदौस जैदी, द्वितीय स्थान प्राची, तृतीय स्थान अलमिसबा तथा सांत्वना पुरस्कार अलिशा व फरहीन को दिया गया तथा बायोसाइंस विभाग में पोस्टर कंपटीशन मे प्रथम स्थान शमशीर, द्वितीय स्थान वंश, तृतीय स्थान आफिया खान तथा सांत्वना पुरस्कार अनुष्का व हर्षित दूबे को दिया गया।
ओरल प्रेजेंटेशन मे प्रथम स्थान रजिया रउफ (बायो साइन्स), द्वितीय स्थान फिरदौस जैदी गृह विज्ञान (गृह विज्ञान) तथा तृतीय स्थान अलमिसबा (गृह विज्ञान) ने प्राप्त किया। इस एक दिवसीय सेमिनार में तीनों विभागो (गृहविज्ञान, कृषि विभाग तथा बायोसाइंस विभाग) से 250 छात्र-छात्राओ ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें 110 पोस्टर कंपटीशन, 04 गेस्ट लेक्चर, 25 ओरल प्रेजेंटेशन  प्रतिभागियों ने भाग लिया।
एक दिवसीय सेमिनार का सफल संचालन कृषि विभाग की सहायक प्रवक्ता उमारा रहमानी के द्वारा किया गया तथा कार्यकम को सफल बनाने मे कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा नईम विभाग के प्रवक्ता डॉ विक्रांत, डॉ अंजली, डॉ0 प्रवीण मलिक, डॉ0 सुहेल सरदार, डॉ0 मनोज कुमार, डॉ0 प्रदीप कुमार, डॉ0 रिया जखवाल, आबिद, राजकुमार, सूरज कुमार, तथा गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ श्वेता राठी एवं प्रवक्ता रूबी पोसवाल, ईशा अरोरा, अलीना सिद्धकी, सोफिया अंसारी, काजल मावी, आयशा गोर, तथा बायो साइन्स विभागाध्यक्ष डॉ विपिन सैनी, विकास कुमार, अंकित कुमार, सचिन कुमार, आशु, शालिनी मिश्रा, दर्शिका शर्मा, दिशा शर्मा, शबा राणा, जेहरा हुसैनी, मो० सलमान, तनु त्यागी, आयुषी पाल, अनुप्रिया सिंघल, दिव्या पाटियाल आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं।
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