मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। जिला कांग्रेस कमेटी ने मणिपुर मुद्दे सहित बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के खिलाफ रैली की है। शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला कांग्रेस ने घटना की कड़ी निंदा एवं निंदा करते हुए सत्तारूढ़ दल भाजपा की तीखी आलोचना की। मीडिया से बात करते हुए पार्टी के जिला अध्यक्ष अभिजीत पाल ने कहा कि बांग्लादेश के गठन के बाद से ही वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों पर तरह-तरह से अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि 1971 में बांग्लादेश की आजादी में हिंदुओं का योगदान अहम था। उन्होंने कहा कि भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व में बांग्लादेश पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम हुआ। उन्होंने कहा कि शेख हसीना की सरकार के पतन और कट्टरपंथी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के गठन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर उत्पीड़न बढ़ रहा है।अभिजीत पाल ने टिप्पणी की है कि विभिन्न मठ-मंदिरों के साथ-साथ चर्च घरों को तोड़ने की घटना बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना वहां के लोकतंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि चिन्मयकृष्ण स्वामी को हिरासत में लेने और इस्कॉन जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था का बहिष्कार करने के बांग्लादेश सरकार के फैसले को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस ने सरकार से की बंगलादेश में अल्पसंख्यकों के अत्याचार पर हस्तक्षेप की मांग
उन्होंने चिन्मयकृष्ण स्वामी की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रधान मंत्री और विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की। जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मणिपुर के मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल भाजपा की आलोचना की। अभिजीत पाल ने आशंका जताई है कि बांग्लादेश मुद्दे पर जिस तरह से विभिन्न संगठनों और संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है, उससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर रूप ले लेगी।प्रेस वार्ता में संजीव राय व सूर्यकांत सरकार समेत अन्य मौजूद थे।