गुजरात के बलिदानी संत 'वीर मेघमाया' पर वीर मेघमाया स्मारक डाक टिकट जारी

शि.वा.ब्यूरो,अहमदाबाद। भारतीय डाक विभाग द्वारा गुजरात के बलिदानी संत 'वीर मेघमाया' पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने वीर मेघमाया विश्व मेमोरियल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के चेयर मैन एवं पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोलंकी एवं निदेशक डाक सेवाएं सुश्री मीता बेन संग उक्त डाक टिकट क्षेत्रीय कार्यालय में आज जारी किया। 5 रूपये का यह डाक टिकट और इसके साथ जारी प्रथम दिवस आवरण और विवरणिका देश भर के डाकघरों में स्थित फिलेटलिक ब्यूरो में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। ई-पोस्ट ऑफिस के माध्यम से इसे ऑनलाइन भी मँगाया जा सकता है।
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि भारत की ऐतिहासिक विरासत संतों की कहानियों से समृद्ध है। गुजरात में धोलका के निकट रनोडा गांव के एक दलित बुनकर परिवार में लगभग 1000 वर्ष पूर्व जन्में वीर मेघमाया ने जन कल्याण के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। वे बत्तीस गुण सम्पन्न थे। गुजरात की तत्कालीन राजधानी अन्हिलपुर पाटन में सहस्त्रलिंग सरोवर में पानी लाने के लिए दिया गया उनका स्वबलिदान आज भी त्याग की एक नई मिसाल कायम करता है। इसे मानवाधिकारों की स्थापना और दलित व वंचित वर्गों के उद्धार के महान उद्देश्य से किए गए बलिदान के रूप में याद किया जाता है। ऐसे में डाक विभाग, वीर मेघमाया पर स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए प्रसन्नता का अनुभव करता है और दलितों तथा वंचित वर्गों के कल्याण के निमित्त उनके बलिदान को नमन करता है। पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि डाक टिकट अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। डाक टिकट वास्तव में एक नन्हा राजदूत है, जो विभिन्न देशों का भ्रमण करता है एवम् उन्हें अपनी सभ्यता, संस्कृति और विरासत से अवगत कराता है। हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है।

इस अवसर पर पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोलंकी ने कहा कि संत वीर मेघमाया का जीवन जन कल्याण, सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिबाफुले, डॉ. अंबेडकर के समय काल से बहुत पहले हजार वर्ष पूर्व वीर मेघमाया ने समाज में छुआछूत ख़त्म करने के लिए पहल की। उन पर डाक टिकट जारी होने से देश-विदेश में उनके बलिदान और जन कल्याण के बारे में जानकारी मिलने के साथ ही नव आशा का संचरण होगा। आधुनिक समय में, दलित वंचित और कमजोर तबके के लोग वीर मेघमाया को श्रद्धाजंलि देने के लिए पाटन स्थित उनकी बलिदान स्थली पर जाते हैं। संत वीर मेघमाया पर डाक टिकट जारी होने से उनकी प्रसिद्धि और भी बढ़ेगी एवं युवा पीढ़ी उनके बलिदान और कार्यों के बारे में जान सकेगी।
पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने ही सांसद के रूप में पहल करके संत वीर मेघमाया पर डाक टिकट जारी करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। आज इस स्मारक डाक टिकट के जारी होने से लोगों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और डाक विभाग का हार्दिक आभार भी व्यक्त किया। इस अवसर पर वीर मेघमाया विश्व मेमोरियल फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के महामंत्री नरेंद्र वोरा, प्रवर डाक अधीक्षक विकास पाल्वे, प्रवर डाक अधीक्षक गांधीनगर पियूष रजक, डाक अधीक्षक पाटन एचसी परमार, सहायक निदेशक एमएम शेख, भाविन प्रजापति, योगेंद्र राठौड, सौरभ कुमावत सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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