बीते वर्ष सहारनपुर ने भारतीय राजनीति को दिया चंद्रशेखर के रूप में नया दलित चेहरा, चंदन चौहान बने ऊर्जावान युवा सांसद

गौरव सिंघल,सहारनपुर। बीता 2024 वर्ष भारतीय राजनीति को नया दलित चेहरा दे गया। इसका श्रेय सहारनपुर जनपद को जाता है। जहां के छोटे से कस्बे छुटमलपुर में एक शिक्षक के घर पैदा हुए चंद्रशेखर दलित राजनीति के बड़े चेहरे के रूप में स्थापित हुए हैं। युवा और संघर्षशील वकील के रूप में सक्रियता रखने वाले चंद्रशेखर ने  सामाजिक भेदभाव और ऊंच-नीच की दीवारों को लांघने के लिए दलित युवाओं को संगठित कर भीम आर्मी संगठन बनाया और जैसे ही उन्होंने सामाजिक भेदभावों और दलित उत्पीड़न लेकर संघर्ष किया तो उनका शासकीय शोषण उत्पीड़न शुरू हो गया। उन्हें सहारनपुर जेल में ठूस दिया गया। चंद्रशेखर ने हिम्मत नहीं हारी और मायावती के गढ़ कहे जाने वाले सहारनपुर जनपद और आसपास के क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए दलितों की आवाज को बुलंद करना जारी रखा। 2024 के लोकसभा चुनाव चंद्रशेखर के जीवन में एक नया उत्साहरोशनी एवं ऊर्जा लेकर आया। उन्होंने अपने दम पर पड़ोसी जनपद बिजनौर की आरक्षित नगीना लोकसभा सीट पर ताल ठोकी और भारी जनसमर्थन से चुनकर लोकसभा में पहुंचे। लोकसभा में भी वह नए और युवा सांसदों का चमकता चेहरा बन गए हैं। वह सहारनपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आवाज को पूरी ताकत के साथ लोकसभा में उठाते हैं। शोषित, पीड़ित, दलित और संघर्षशील लोगों की चंद्रशेखर दिल्ली में एक मुखर आवाज बन गए हैं। 

चंद्रशेखर की तरह ही मुजफ्फरनगर के एक बड़े सियासी घराने की तीसरी पीढ़ी के रूप में सामने आए युवा चंदन चौहान के लिए भी बीता 2024 वर्ष बहुत ही सफलता दायक वर्ष रहा।1970 के दशक में चौधरी नारायण सिंह ने जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख किसान गुर्जर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे ने किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के साथ लंबी पारी की शुरूआत की। वह उत्तर प्रदेश में बाबू बनारसी दास गुप्ता के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने वाले उत्तर प्रदेश के पहले बड़े राजनेता थे। चंदन चौहान के पिता दिवंगत संजय चौहान भी विधायक और सांसद रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में प्रमुख किसान बिरादरियों में जाटों के साथ साथ गुर्जरों का बराबर का महत्व है। चंदन चौहान वर्तमान में इस बिरादरी के सबसे प्रमुख युवा चेहरे हैं। जो आकर्षण व्यक्तित्व के साथ-साथ बेहतरीन सांसद, वक्ता और राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इस तरह से पिछला वर्ष 2024 चंद्रशेखर और चंदन चौहान के रूप में दो उम्मीद भरे युवा सांसद देकर गया है।


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