शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्रीराम कॉलेज में ललित कला विभाग में एक सप्ताह से चली हैंड पेंटिंग ऑन टेक्सटाइल फैब्रिक की कार्यशाला का समापन भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य पारंपरिक कला शैलियों और आधुनिक डिजाइनों के माध्यम से कपड़ा सज्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को उजागर करना था। इस कार्यशाला में आयी हुई हैंड प्रिन्टिंग में दक्ष रेखा पुंडीर, रिटायर्ड प्रिंसिपल, एस डी पॉलिटेक्निक के मार्गदर्शन में एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में फैशन डिजाइन के सभी विद्याथिओं ने भाग लिया, जिनमें प्रशिक्षकों ने न केवल डिजाइन और रंगों की तकनीकी जानकारी दी, बल्कि कपड़ों पर पेंटिंग के लिए आवश्यक सामग्री का सही उपयोग और रखरखाव के बारे में भी बताया। प्रतिभागियों ने ब्लॉक प्रिंटिंग, फ्रीहैंड डिजाइन, मधुबनी, वर्ली, और फ्लोरल मोटिफ्स जैसी शैलियों पर काम किया। इसके अलावा, उन्होंने रंग संयोजन, ब्रश टेक्निक्स और फैब्रिक पेंट्स के साथ काम करने की बारीकियों को भी सीखा। फाइन आर्ट्स के हेड मीनाक्षी काकरान ने डिजाइन शैलियां के बारें में बताया पारंपरिक मधुबनी, वर्ली, आधुनिक जियोमेट्रिक पैटर्न, एब्स्ट्रैक्ट आर्ट, और कंटेम्पररी मोटिफ्स और फ्लोरल डिजाइन पर ये कार्यशाला केन्द्रित रही । प्रतिभागियों ने कहा कि इस कार्यशाला ने उन्हें न केवल एक नई कला सीखने का मौका दिया, बल्कि अपने विचारों और रचनात्मकता को प्रस्तुत करने का मंच भी दिया।
इस अवसर पर ललित कला विभाग के निदेशक डॉ0 मनोज धीमान ने भविष्य में भी इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित करने का आश्वासन दिया। इस तरह की पहल न केवल कला और शिल्प को प्रोत्साहित करती है, बल्कि स्थानीय कलाकारों को नई पहचान देने में भी कारगर होती है। अन्तिम दिवस पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार किए गए कार्यों की एक प्रदर्शनी लगाई गई एवं विद्यार्थियों ने अपने-अपने कार्यो की समीक्षा भी की। कार्यशाला में ललित कला विभाग के प्रवक्ताओं एवं सदस्यों रजनीकांत, बिन्नू पुंडीर, डॉ अनु, रीना त्यागी, मयंक सैनी, अजित कुमार मन्ना, सोनी श्रीवास्तव, सिद्धार्थ, शहजादी एवं करुणाकर शर्मा आदि का योगदान रहा।