प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में ई-वेस्ट से छुटकारा पाओ, पर्यावरण को स्वच्छ बचाओ पर कार्यशाला आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, आगरा। छात्रों में ’ई-वेस्ट के विषय में’ जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में कक्षा 4 से 8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता ई-वेस्ट विशेषज्ञ महक बंसल, विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता, प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव व शिक्षक मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यशाला का उद्देश्य मानव जीवन में ई-वेस्ट के प्रति छात्रों की मानसिकता को व्यापक बनाना था। 

मुख्य वक्ता महक बंसल ने ई-वेस्ट के विषय में बताते हुए कहा कि ई-वेस्ट को घर में रखना हानिकारक है। उन्होंने बताया कि ई-कचरे को रिसाइकल किया जाना चाहिए, ताकि पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल सके। उन्होंने छात्रों को जानकारी दी कि ई-कचरे के अंतर्गत सीसा, जस्ता, निकिल, अग्निरोधी, बेरियम और क्रोमियम जैसे जहरीले पदार्थ आते हैं। उन्होंने बताया कि ई-कचरे को गर्म करने पर, उसमें मौजूद जहरीले रसायन हवा में मिल जाते हैं, जिससे वायुमंडल को नुकसान पहुँचता है। इसे लैंडफिल में फेंकने पर, उसके जहरीले पदार्थ भूजल में रिस जाते हैं, जिससे भूमि और समुद्री जीव प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में ई-कचरे का तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। ई-कचरा मॉनिटर 2024 के अनुसार ई-कचरे की मात्रा 2030 तक 62 बिलियन किलोग्राम से बढ़कर 74 बिलियन किलोग्राम हो जाएगी।

कार्यशाला में छात्रों को ई-कचरे के संग्रह और पुनर्चक्रण के लिए ब्च्ब्ठ द्वारा दिए गए परिपत्र अर्थव्यवस्था और म्च्त् नियमों के सिद्धांतों के बारे में पता चला। इसके साथ ही  प्रत्येक छात्र ने अपने दैनिक जीवन में इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती खपत के बारे में इंटरैक्टिव गेम और उपयोगी बातचीत की मदद से विषय को समझा कि वे कैसे समाधान का हिस्सा बन इस मुहिम में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं। विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने करो संभव पर जोर देते हुए कहा कि जीवन में आप कुछ भी दृढ़ संकल्प करोगे, तो सब कुछ संभव है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे को 1 किलोग्राम ई-वेस्ट इकट्ठा करना अनिवार्य है, जिसे वह अपने विद्यालय में इकट्ठा कर सकता है, ताकि खुद को गंभीर बीमारियों से बचा सके।

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