जिला स्तरीय यशपाल जयंती समारोह आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, शिमला। बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वतंत्रता सैनानी, क्रांतिकारी व साहित्यकार यशपाल जयंती के अवसर पर युवा पीढ़ी मे साहित्य के प्रति रुचि पैदा करने और विभाग की साहित्यितक गतिविधियों से जोड़ने व उनको ऐसे आयोजनों में मंच प्रदान करने के उद्देश्य से भाषा एवम् संस्कृति विभाग व गोविंद बल्लभ पंत राजकीय महाविद्यालय रामपुर बुशहर के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के सभागार में जिला स्तरीय यशपाल जयंती समारोह आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम का आगाज वंदेमातरम, दीप प्रज्ज्वलन, यशपाल के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा और महाविद्यालय के आंग्ल भाषा के विभागाध्यक्ष डा.राजेश नेगी द्वारा किया गया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार ओम भारद्वाज ने की। महाविद्यालय के उप प्राचार्य डा.विद्या बंधू नेगी रहे। पत्र प्रस्तोता हिमाचल कला, संस्कृति एवम् भाषा अकादमी के सदस्य व वरिष्ठ  साहित्यकार व शिक्षाविद् डा.सत्यनारायण स्नेही को हिमाचली टोपी और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। 

स्वागत भाषण में अनिल हारटा ने जिले के साहित्य, कला, लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए वर्षभर की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी भी सांझा की। उन्होंने युवाओं को हिन्दी  व संस्कृत भाषा तथा अपने क्षेत्र की पहाड़ी बोली मे कविता, कहानी लिखने की अपील की। अनिल  हारटा ने अच्छा साहित्य पढ़ने पर भी बल दिया।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डाॅ.सत्यनारायण स्नेही द्वारा पत्र वाचन किया गया। साहित्यकार ओम भारद्वाज, ललित मोहन भारती, उमा ठाकुर, वेद प्रकाश शर्मा, गगनजीत प्रेमी ने परिचर्चा में भाग लेते हुए पत्र में छूटे हुए बिंदुओं को जोड़ते हुए उल्लेखित अनछुए पहलुओं से रूबरू करवाने के लिए पत्रवाचक की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इसी सत्र में आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन में वरिष्ठ साहित्यकार ओम भारद्वाज ने  दो छोटी-छोटी क्षणिकाओं से कविता के नवीन रूप से छात्रों को रूबरू कराया, ललित मोहन भारती, वेद प्रकाश शर्मा, नरेन्द्र शर्मा ने बेटी रा जीवणा रेके रे भागो मार्मिक पहाड़ी कविता से सबको भाव विभोर किया। उमा ठाकुर ने पहाड़ी बोली मे तीज त्यौहार, पारंपरिक वेशभूषा, व्यंजन का जिक्र किया। सुशील भारती, हितेंद्र शर्मा ने यशपाल के जीवन का कविता मे किए गए चित्रण की उम्दा प्रस्तुति से दर्शकों की खूब तालियां बटोरी,धर्मपाल भारद्वाज ने पहाड़ी बोली मे लवी मेले के पुरातन व वर्तमान स्वरुप को अपनी रचना मे उजागर किया। डा.सतपाल खुंद, गगनजीत प्रेमी, अदिति कंसल ने एक से बढ़ कर एक बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति कर सबको मंत्रमुग्ध किया। 

प्रिया, साक्षी जिस्टू, प्रितम आजाद, अमीषा, निर्मला, शिवानी, प्रीति शर्मा आदि महाविद्यालय के नवोदित कवियों ने स्वरचित कविताओं का वरिष्ठ साहित्यकारों और हजारों श्रोताओं के सम्मुख प्रथम बार कवि सम्मेलन में भाग लेकर कविता पाठ किया। 

मंच का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. जगदीश बाली ने किया। दूसरे सत्र में साहित्य की रूपी सराज कला मंच के युवा रंगकर्मियों द्वारा पर्दा, अखबार में नाम, खुदा और खुद की लड़ाई, धर्म युद्ध महाराज का इलाज व महादान आदि कहानियों का नाट्य मंचन किया, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी रामपुर एमएस नेगी,  शिवम् ठाकुर, महिंद्र सिंह माही आदि महाविद्यालय के सभी आचार्य सहित छात्र भी उपस्थित रहे।

बता दें कि भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की महान विभूतियों की जयंतियों का नियमित रुप से आयोजन कराया जाता है, ताकि उनके द्वारा अपने अपन क्षेत्र में समाज के पथ प्रदर्शन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान का वर्तमान तथा आने वाली पीढ़ी को स्मरण रहे तथा उनके द्वारा दिखाए गए पथ का अनुसरण करें। 

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