शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील तेवतिया आम जनमानस को जानकारी देते हुए बताया कि ठंड से बचाव के लिए बंद कमरे में अंगीठी ना जलाएं, क्योंकि बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कार्बनमोनोऑक्साइड गैस के साथ कई जहरीली गैसों का स्तर बढ़ जाता है, जो सीधे दिमाग पर असर डालती है, जिससे बेहोशी आ सकती है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत भी हो सकती है। बंद कमरे में अंगीठी की गैस से आंखों में संक्रमण, सांस की बीमारी, फेफड़ों की बीमारी और हृदय के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है, अंगीठी जलाने से निकलने वाली गैस से अस्थमा, साइनस, ब्रोंकाइटिस और स्किन एलर्जी से पीड़ित लोगों को अधिक खतरा होता है। उन्होंने बताया कि बंद कमरे में अंगीठी ,हीटर व गैस गीजर का प्रयोग ना करें ,अगर प्रयोग कर रहे हैं तो कमरा पूरी तरह से बंद ना हो, उसकी खिड़की और दरवाजे खुले होने चाहिए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील तेवतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्दी के मौसम में विशेष लोगों का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है जैसे निराश्रित व्यक्तियों, बुजुर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्तियों, दिव्यांगजनों ,गर्भवती एवं स्तनपान करने वाली महिलाओं ,खुले वातावरण में कार्यरत कर्मी एवं किसानों की अधिक देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि सर्दियों के मौसम में ऐसे लोगों का विशेष सहयोग करें ताकि हर कोई स्वस्थ और निरोग रह सके। शीतलहर के प्रभाव से बचने के लिए खुद को गर्म और सुरक्षित स्थान पर रखें, ठंड से बचाव के लिए गर्म कपडे पहने,अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले, यदि बाहर निकालना जरूरी हो तो, हाथ और पैर को ढककर निकले तथा अनेक परतो में सूखे कपड़ों को पहने, ठंडे पदार्थों का सेवन न करें, गर्म पदार्थ का ही सेवन करें तथा ठंड से प्रभावित व्यक्ति को शीघ्र ही चिकित्सकीय परामर्श दिलाए।