शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी काॅलेज ऑफ मैनेजमेन्ट स्टडीज में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल, एसडीसीएमएस के तत्वाधान में आयोजित डेटा ऐनालिटिक्स विषय पर कार्यशाला का शुभारम्भ काॅलेज प्राचार्य डा0 आलोक कुमार गुप्ता, मुख्य अतिथि मि0 ऋषभ सिंगल व इन्क्यूबेशन सेंटर के इंचार्ज मुकुल जैन ने किया। कार्यक्रम में एमबीए व एमसीए विभाग के लगभग 50 छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऋषभ सिंगल को स्मृति चिन्ह व बुके देकर सम्मानित किया।
प्राचार्य डा0 आलोक कुमार गुप्ता ने डेटा ऐनालिटिक्स को स्पष्ट करते हुये बताया कि एक्शनएब्ल इनसाइट्स को ढूंढने के लिए डेटा एनालिसिस किया जाता है जो निर्णय लेने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि डेटा ऐनालिटिक्स में डेटा माइनिंग, डिस्क्रिप्टिव और प्रेडिक्टिव डेटा ऐनालिटिक्स, सांख्यिकीय ऐनालिटिक्स, बिजनेस डेटा ऐनालिटिक्स और बड़े डेटा डेटा ऐनालिटिक्स शामिल हो सकते है।
मुख्य स्पीकर ऋषभ सिंगल ने बताया कि डेटा ऐनालिटिक्स का मतलब है, राँ डेटा से कारवाई योग्य जानकारी निकालना, इसमें डेटा से रूझानों को खोजनें और समस्याओं को सुलझाने के लिए कई तरह के उपकरण, प्रौद्योगिकियां और प्रक्रियाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि डेटा ऐनालिटिक्स में च्वूमत ठप् के जरिए क्ंेी ठवंतक बनाना और व्यवसाय अपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते है और मुनाफा बढ़ा सकते है। उन्होंने बताया कि यह एक बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमे डेटा को विभिन्न स्त्रोतों से इकटठ्ा किया जाता है और फिर उसका विश्लेषण किया जाता है। उन्होंने बताया कि उत्पाद विकास में नई सुविधाओं की पहचान करना, ग्राहकों की जरूरतों का विश्लेषण करना, बजट सटीकता में सुधार करना किया जाता है।
मुकुल जैन ने कहा कि इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल एक कठोर, व्यावहारिक, अनुकूलित और एकीकृत शैक्षिक अनुभव बनाने के लिए रूपरेखा, पाठ्यक्रम, सह-पाठ्यचर्या कार्यक्रम सुविधाएं, सलाहकार सेवांए और प्रक्रियाएं प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि डेटा ऐनालिटिक्स डेटा को जांचने, पुनः क्रमबद्ध करने और प्रस्तुत करने की प्रक्रिया है। कार्यक्रम के समन्वयक व प्रवक्ता मि0 प्रशान्त तोमर ने बताया कि डेटा का अर्थ निकालना हमें बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जब हमारे पास पहले से कहीं ज्यादा डेटा हमारी उंगलियो ंपर है। उन्होंने बताया कि इस वजह से कंपनियाॅ डेटा का लाभ उठाने के लाभों को समझ रही है और आगे के व्यावसायिक लक्ष्यों के लिए अंर्तदृष्टि खोजने के लिए डेटा विश्लेषण की ओर रूख कर रही है। डेटा ऐनालिटिक्स तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करके डेटा में हेरफेर करके, आप रूझान, संहसंबंध, आउटलेयर और विविधताओं को ढूंढना शुरू कर सकते है। उन्होंने बताया कि डेटाबेस के भीतर पैटर्न की खोज करने के लिए डेटा माइनिंग का उपयोग कर सकते है।
इस अवसर पर पारूल कुमार, देवेश गुप्ता, महिमा मंगल, आदित्य कश्यप, आस्था सिंघल, तुषार भारद्वाज, जितेन्द्र कुंमार, अंकुर अग्रवाल, अन्नु त्यागी, डा0 अनम जैद, आशीष कुमार आदि शिक्षक, स्टाॅफ एवं छात्र-छात्राओं उपस्थित रहे।