प्राकृतिक खेती, जायकेदार गुड़, खाण्ड व शक्कर के निर्यात का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा सहारनपुर

गौरव सिंघल, सहारनपुर। खेती प्रधान पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद प्राकृतिक एवं आर्गेनिक खेती और उसके गुणवत्तापरक उत्पादों एवं जायकेदार एवं स्वास्थ्यवर्धक गुड़, शक्कर और खांड के निर्यात का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के कृषि विभाग एवं नाबार्ड बैंक और स्थानीय प्रशासन के भरपूर प्रोत्साहन से जिले में प्राकृतिक, आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों की संख्या आए दिन बढ़ रही है। सहारनपुर के प्रगतिशील किसान पद्मश्री सेठपाल चौधरी ने बताया कि शिक्षित युवा ही नहीं बल्कि युवतियां और महिलाओं का इस नए रूझान को लेकर जुनून देखते ही बनता है।

सहारनपुर से बड़े पैमाने पर जायकेदार और स्वास्थ्यवर्धक खांड, गुड़ एवं शक्कर की यूरोप, आस्ट्रेलिया, जापान, खाड़ी के देशों दुबई, जर्मनी, पेरिस, फ्रांस में निर्यात हो रहा है। भारत को विदेशी मुद्रा मिल रही है और यहां के किसानों में संपन्नता आ रही है। बहुत से किसान खेती के साथ-साथ उत्पादों का निर्माण एवं बिक्री खुद ही कर रहे हैं। सहारनपुर मंडल के गन्ना उपायुक्त ओमप्रकाश सिंह के मुताबिक सहारनपुर मंडल में 40 से 50 किसान प्राकृतिक और उससे कहीं ज्यादा संख्या में आर्गेनिक गन्ने की खेती कर रहे हैं। कोई भी किसान घाटे में नहीं है। सहारनपुर की शिवालिक पर्वत मालाओं में स्थित मां शाकुम्बरी देवी से पांच किलोमीटर दूर कोटड़ी बहलोलपुर गांव के प्रगतिशील किसान संजय चौहान, उनकी पत्नी ममता चौहान और बीटेक 22 

वर्षीय बिटिया यशस्वी चौहान और सहारनपुर के मुन्ना लाल गल्स डिग्री कालेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा विभावरी अपनी ढाई सौ एकड़ जमीन पर गाय आधारित प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। 

विभावरी ने बताया कि उनके यहां कई एकड़ में गन्ने की प्राकृतिक खेती होती है और उनका परिवार आर्गेनिक गुड़-शक्कर बनाता है। भारत में शक्कर का दाम साधारण 100 रूपए किलोग्राम और गुड़ का 120 रूपए किलोग्राम एवं सूखे मेवे वाले गुड़-शक्कर का भाव 550 रूपए किलोग्राम तक है। पूरा कारोबार आन लाइन है। उनके यहां देशी नस्ल की गिर एवं साहीवाल गाएं हैं जिनके घी की सबसे ज्यादा मांग पेरिस-फ्रांस में है। उनका गुड-शक्कर दुबई और खाड़ी देशों में भी जाता है। वह अभी सरकार से किसी तरह की सहायता नहीं ले रहे हैं। विभावरी चौहान ने बताया कि उनके यहां तैयार गुड़, शक्कर और फलों की नए जिलाधिकारी मनीष बंसल ने सराहना की और हर तरह की शासकीय सहायता एवं सहयोग का भरोसा दिया है। जिला गन्नाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि जिले में प्राकृतिक खेती और उत्पादों को तैयार करने के लिए एफपीओ नामक गैर सरकारी संगठन के तहत करीब दो हजार किसान प्राकृतिक और आर्गेनिक खेती से जुड़े हैं। उनको नाबार्ड बैंक के जरिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है और अनेक किसान आधुनिक संयंत्रों के जरिए हाईजैनिक उत्पाद तैयार कर रहे हैं। ऐसे ही एक उद्यमी संजय सैनी ने बताया कि वह प्रदूषण मुक्त संयंत्र लाए हैं जो खांड की नमी को 15-16 फीसद से घटाकर 6 फीसद कर देता है जिससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं। उनके उत्पाद भी विदेशों में जा रहे हैं और ऊंचे दाम मिल रहे हैं। यहां के बहुत से किसान जापानी तकनीक पर आधारित संयंत्रों एवं मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

हाईजैनिक संयंत्रों से बनी शक्कर का दाम 130 रूपए, गुड़ का 120 और खांड का 180 रूपए किलोग्राम है। संजय सैनी का कहना है कि पहले समय में खांड की सुखाई पैरों से की जाती थी जिस कारण लोगों ने इसका इस्तेमाल और उत्पादों को लेना बंद कर दिया। अब आधुनिक तरीकों से खांड, शक्कर सुखाने से उनकी शुद्धता, गुणवत्ता और प्राकृतिक स्वाद बना रहता है। इसी कारण उनकी निर्माण लागत बढ़ती है। ऐसे ही लाभपरक मूल्य मिलने से किसान और कारोबारी को भारी मुनाफा हो रहा है।


Post a Comment

Previous Post Next Post