शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम कॉलेज में व्यवसाय व प्रबंधन विभाग द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय भारत में वित्तीय समावेशन के मुद्दे और चुनौतियाँ रहा। सेमिनार का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। सेमिनार के मुख्य वक्ता सेबी पैनलबद्ध विशेषज्ञ और राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केन्द्र के प्रशिक्षक दीपक गर्ग रहे। उन्होंने बताया कि भारत में आज भी वित्तीय साक्षरता मे कमी, डिजीटल डिवाईड, अपर्याप्त बुनियादी ढांचा, लैंगिक असमानताएं, डिजिटल एक्सेस प्वाईंट की कमी, सेवाओं की ऊँची लागत, वित्तीय अस्थिर नीतियाँ आदि के वित्तीय समावेशन से सम्बन्धित चुनौतियों व कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। दीपक गर्ग ने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिये, वित्तीय शिक्षा और साक्षरता कार्यक्रमो का आयोजन कर वित्तीय शिक्षा मे सुधार लाया जा सकता है।
सेमिनार के प्रथम चरण मे मुख्य वक्ता दीपक गर्ग ने छात्र छात्राओं को बताया कि किस प्रकार वे बजटिंग के माध्यम से आय एवं व्यय मे सामंजस्य स्थापित कर सकते है और साथ ही उन्होनें छोटे व बडे निवेश माध्यमों के बारे मे भी बताया। तत्पश्चात उन्होने छात्र-छात्राओं को शेयर मार्किट मे ट्रेडिंग करने के गुर भी सिखायें। सेमिनार के दौरान श्री दीपक गर्ग ने छात्र-छात्राओं का प्रश्नोत्तरी के माध्यम से ज्ञानवर्धन किया। सेमिनार के दूसरे चरण मे मुख्य वक्ता दीपक गर्ग ने डिजिटल अरेस्ट, साईबर क्राईम और पोंजी स्कीमस पर गहन चर्चा की। उन्होनें व्यवसाय व प्रबंधन विभाग के प्रवक्ताओं और छात्र-छात्राओं को सेमिनार के विषय पर अपने अपने विचार प्रकट करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया जिसमे विभिन्न प्रवक्ताओं और छात्र छात्राओं ने भारत मे वित्तीय समावेशन के मुद्दे और चुनौतियों से सम्बन्धित अपने अपने लेख प्रस्तुत किये।इस अवसर पर श्री राम ग्रुप आफ कॉलेज़ज के चेयरमेन डॉ0 एससी कुलश्रेष्ठ ने व्यवसाय एवं प्रबंधन विभाग के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी और कहा कि भविष्य मे भी विभाग से इस प्रकार के कार्यक्रम अपेक्षित है। श्री राम कॉलेज की प्राचार्य डॉ0 प्रेरणा मित्तल ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य भारत मे होने वाली वित्तीय समावेशन की चुनौतियों को कम करना व छात्र-छात्राओं और प्रतिभागियों को वित्तीय शिक्षा व साईबर ठग से जागरूक करना है। प्रबंधन ब्लॉक के डीन डॉ0 सौरभ मित्तल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को इस तरह के सेमिनारों मे प्रतिभाग करते रहना चाहिए ताकि उनकी वित्तीय शिक्षा और अधिक सुदृढ़ हो सके और विषय पाठयक्रम के साथ साथ उनका बहुमुखी विकास हो सके।