धर्म को खतरा

प्रीति शर्मा  "असीम", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। 
धर्म के नाम पर
क्यों अधर्मी हो जाता है।
मेरे भारत में रहने वाला
हर धर्म क्यों बात -बात पर 
खतरें में हो जाता है।
धर्म के नाम पर
क्यों अधर्मी हो जाता है।
लहू का रंग जिन्हें नजर नहीं आता है।
कट्टरता के नाम पर जो
कहीं गोली  तो कहीं पत्थर चलवाता है।
क्यों उन्हें इन्सानियत में,
एक रब नहीं नजर आता है।

धर्म के नाम पर
क्यों अधर्मी हो जाता है।
देश -देश धर्मों की आग में जलता है।
कहीं बम कही  मिसाइल गिर जाता है।
यह कौन से धर्म है।
जो नफरतों से एक -दूसरे को काट खाता है।
इन्सानियत को भूल कर धर्मों में बंट  जाता  है।
बात- बात पर मरने-मारने को तैयार  हो जाता है।
आजाद भारत में गुलाम सोच से क्यों निकल नहीं पाता  है।
धर्म के नाम पर
क्यों अधर्मी हो जाता है।
क्यों बात -बात पर हर धर्म खतरें में हो जाता है।
नालागढ़, हिमाचल प्रदेश 

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