मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। बराक घाटी के विकास के लिए अलग विभाग के गठन के निर्णय का स्वागत करते हुए बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) ने इस विभाग के बजट आवंटन को लेकर स्पष्टता की मांग की है। साथ ही, क्षेत्र के वास्तविक विकास के लिए बराक के लिए एक अलग आर्थिक परिषद स्थापित करने की मांग की गई है। बीडीएफ कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बीडीएफ के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्त राय ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को धन्यवाद दिया कि उन्होंने बराक घाटी की पिछड़ेपन को महसूस किया। लेकिन उन्होंने कहा कि केवल विभाग बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। इस विभाग का कार्य क्या होगा और विकास कार्यों के लिए इस विभाग को कैसे और कितना धन आवंटित किया जाएगा, इस पर इसकी प्रभावशीलता निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि इन बातों पर अब तक स्पष्टता नहीं है। इसलिए, सरकार से जल्द से जल्द इस पर स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
प्रदीप दत्त राय ने कहा कि किसी देश या राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का समानुपातिक विकास न होने से पूरी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के संदर्भ में इस बात को महसूस किया था, इसलिए अलग डोनर मंत्रालय का गठन किया गया। यह स्पष्ट है कि इस मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य संरचना, उद्योग स्थापना आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संभव हुआ क्योंकि इस मंत्रालय के लिए केंद्र सरकार ने अलग से धन आवंटित किया। इसी तरह बराक घाटी का विकास केवल तब संभव है जब इसे प्राथमिकता देकर बराक विकास विभाग के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाए। उन्होंने कहा कि केवल राज्य सरकार ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की भी इसमें जिम्मेदारी है। इसलिए, केंद्रीय वित्त मंत्रालय का ध्यान आकर्षित करते हुए इस विभाग को परियोजना आधारित अलग से धन आवंटित करने की मांग की गई है।
बीडीएफ के मुख्य संयोजक ने कहा कि इस संदर्भ में बराक घाटी के लिए एक अलग आर्थिक विकास परिषद स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की इच्छाशक्ति है, तो यह संभव है। इसके लिए केवल संसद में एक प्रस्ताव पारित करना होगा। उन्होंने कहा कि अलग आर्थिक विकास परिषद बनने से इसमें बराक घाटी के सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व होगा, जो सभी समुदायों के विकास को सुनिश्चित करेगा। इससे केंद्र सरकार इस क्षेत्र की पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट निर्णय ले सकेगी। बजट आवंटन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश होंगे, जिससे विकास को गति मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बराक के पड़ोसी देश बांग्लादेश और पड़ोसी राज्य मणिपुर में जो अस्थिरता चल रही है, उसे देखते हुए देश की सुरक्षा के लिए बराक की भौगोलिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। इसलिए, इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास पर तत्काल ध्यान देना केंद्र सरकार का कर्तव्य है।
बीडीएफ मीडिया सेल के संयोजक जयदीप भट्टाचार्य ने कहा कि किसी क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास उस क्षेत्र के समग्र विकास को दर्शाता है। बराक के वास्तविक विकास के लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में निवेश और पहल जरूरी है। उन्होंने कहा कि बराक के बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं के लिए उचित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए बिना कभी भी वास्तविक विकास संभव नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि अलग आर्थिक विकास परिषद के गठन से इस प्रक्रिया में तेजी आएगी। जयदीप ने कहा कि बराक के साथ हो रहे भेदभाव और उपेक्षा के विरोध में और स्वायत्तता की मांग को लेकर वे लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री के बराक के लिए अलग विभाग बनाने के निर्णय के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से केंद्र सरकार के साथ चर्चा कर बराक के लिए अलग आर्थिक विकास परिषद के गठन की अपील की। उन्होंने कहा कि बीडीएफ की ओर से इस मांग के संबंध में प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा। इसके अलावा, बीडीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही दिल्ली जाकर संबंधित मंत्री और अधिकारियों के सामने अपनी मांग रखेगा। उन्होंने कहा कि यह बराक की स्वायत्तता की दिशा में दूसरा चरण होगा। बीडीएफ की ओर से देबायन देव ने प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी साझा की।
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