राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा के तहत चालक एवं सहचालकों के लिए निशुल्क नेत्र परिक्षण शिविर आयोजित

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह, 25 के तहत ड्राइवरों और सहायकों के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली सड़क सुरक्षा नेत्र जांच शिविर के अवसर पर सामुदायिक जागरूकता और सार्वजनिक स्वास्थ्य का प्रतीक बन गया। नेताजी छात्र युवा संगठन (एनसीवाईएस) के सहयोग से जिला परिवहन कार्यालय द्वारा सोमवार को शिलचुरी कैंप में आयोजित इस पहल ने सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में उचित दृष्टि की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में पेशेवरों, सामुदायिक नेताओं और उत्सुक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसने खराब दृष्टि के कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली सड़क दुर्घटनाओं को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

कार्यक्रम की शुरुआत जिला परिवहन अधिकारी रमेश श्याम के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।  उनके भाषण ने दृष्टि और सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं के बीच संबंध को रेखांकित किया। उनके संबोधन के बाद, नेत्र जांच गतिविधियाँ आधिकारिक रूप से शुरू हुईं, शिविर में उत्साह और भागीदारी की धूम रही। पेशेवर ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉ. मृणाल कांति नाथ लस्कर के कुशल हाथों में, 70 से अधिक प्रतिभागियों ने व्यापक नेत्र परीक्षण किए। परीक्षणों में दृश्य तीक्ष्णता, परिधीय दृष्टि और रंग दृष्टि जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि प्रत्येक व्यक्ति का गहन मूल्यांकन किया गया। ड्राइवरों और साइकिल चालकों से लेकर पैदल चलने वालों तक, उपस्थित लोगों ने अपनी आँखों के स्वास्थ्य की बेहतर समझ के साथ शिविर छोड़ा। उल्लेखनीय रूप से, लगभग 40 प्रतिभागियों में मामूली से लेकर गंभीर दृष्टि संबंधी चुनौतियाँ पाई गईं, जिससे उन्हें उन्नत उपचार के लिए विशेष क्लीनिकों में रेफर किया गया।

इस अवसर पर सिमंता दास (ईआई), पार्थ तेरांग (एईआई), मृणाल कांति सिन्हा (एईआई), मौलाना अनुमुला (एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता) और स्कूल के मालिक श्री अबू मोहम्मद अब्यादुल्ला बरभुआ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम के महत्व को और बढ़ा दिया और इसके सामुदायिक प्रभाव को और मजबूत किया। प्रतिभागियों को न केवल चश्मे और दवाओं सहित तत्काल चिकित्सा सहायता मिली, बल्कि नेत्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए एक नई प्रतिबद्धता भी मिली। 

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