माँ
डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र। जो तुम जन्नत ढूंढ रहे वो सिर्फ मां के आंचल में। जो तुम मोहब्बत ढूंढ रहे वो सिर्फ मां की गोद में। जो तुम लगाव ढूंढ रहे वो बस माँ की आंखों में। जो तुम स्वर्ग ढूंढ रहे वो बस माँ के पांव में। जो तुम उल्लास ढूंढ रहे वो बस माँ की बाहों में। जो तुम तड़प ढूंढ…