शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ यूपी की ओर से एक रिट याचिका दायर की गई। यह याचिका रवि प्रकाश गुप्ता एडवोकेट, मनीष वैश्य और मेहुल गुप्ता की सहायता से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा दायर याचिका में न्यायमूर्ति अनिल कुमार और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की डिवीजन बेंच द्वारा उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता को सोमवार को एक नोटिस जारी करके 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। इस केस की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।
बता दें कि शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि चूंकि स्कूल तीन महीने तक बंद रहेंगे और गर्मी की छुट्टी के बाद ही खोले जाने की उम्मीद है, इसलिए स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई केवल नौ महीने के लिए होंगी, ऐसे में सत्र 2020-2021 में फीस बढ़ाने के लिए कोई औचित्य नहीं है और इसलिए निजी स्कूल इस शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में कोई फीस नहीं बढ़ायेंगे, जबकि यह सत्य नहीं है, क्योंकि पूरे लाॅक डाउन के पीरियड में ऑन लाइन पढ़ाई हुई है और आज कल भी ऑन लाइन पढ़ाई चल रही है तथा जब तक लाॅक डाउन रहेगा तब तक पढ़ाई ऑन लाइन जारी रहेगी।
याचिका में कहा गया है कि वास्तविकता यह है कि बच्चों को कक्षाओं में बैठाकर पढ़ाने के स्थान पर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाने में शिक्षकों को पहले से काफी अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। अतः शासनादेश को इस आधार पर जारी करना कि बच्चों की पढ़ाई लाॅकडाउन की अवधि में नहीं हुई है, सही नहीं है।
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