सावधान! लाॅकडाउन के बाद बढ़ सकती हैं गुंडागर्दी, डकैती, चोरी, छिनैती की वारदातें


मनोज भाटिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।


लम्बे  लाॅकडाउन के कारण न केवल सरकार, बल्कि आमजन की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गयी है, इस कारण आशंका जताई जा रही है कि लाॅकडाउन के बाद गुंडागर्दी, डकैती, चोरी, छिनैती आदि की आपराधिक वारदातों में इजाफा हो सकता है, क्योंकि कोविड़ 19 के खतरे के कारण अधिकतर लोग मास्क का प्रयोग करेंगे, जिससे उनकी प्रथम दृष्टि में पहचान मुश्किल होगी।




ऐसी ही किसी भी आपराधिक वारदातों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को बहुत सावधान रहना होगा, इसमें घर के लोग, बच्चे, स्कूल और कॉलेज जाने वाले लड़के ध् लड़कियां, कामकाजी महिलाध्पुरुष शामिल हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए स्त्रियां जहां तक सम्भव हो से महंगी घड़ियां, महंगी चेन, चूड़ियां, ईयर रिंग्स न पहनें। अपने हैंड बैग्स को सावधानी से रखें। पुरुष हाई एंड वॉच, महंगे कंगन और चेन पहनने से परहेज करें। सार्वजनिक स्थल पर अपने मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल न करें। किसी भी अजनबी को लिफ्ट न दें। आवश्यकता से अधिक नकदी लेकर यात्रा न करें और अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षित रखें। इसके साथ ही अपनो की जानकारी के लिए समय-समय पर घर पर फोन करते रहें। घर के बड़ों और लोगों को निर्देश दें कि दरवाजे की घंटी बजाते समय मुख्य दरवाजे से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, यदि संभव हो तो ग्रिल गेट का प्रयोग करें। किसी पार्सल या पत्र प्राप्त करने के लिए ग्रिल के करीब न जाने दें। बच्चों को समय पर घर लौटने की हिदायत दें। घर तक पहुँचने के लिए किसी भी एकांत या छोटी शॉर्टकट वाली सड़कों का प्रयोग न करें, कोशिश यही करें कि अधिकतम मुख्य सड़कों का उपयोग करें। जब आप बाहर होते हैं तो अपने आसपास के संदिग्ध लोगों पर नजर रखें। हमेशा हाथ में एक आपातकालीन नंबर होना चाहिए और लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें। जो लोग कैब सेवाओं का उपयोग करते हैं, कृपया अपनी यात्रा का विवरण अपने माता-पिता, भाई-बहन, रिश्तेदारों, दोस्तों या अभिभावकों के साथ अवश्य साझा करते रहें। जहां तक सम्भव हो सरकारी परिवहन प्रणाली का ही उपयोग करें। भीड़ वाली बसों से बचें। दैनिक सैर के लिए सुबह लगभग 6 बजे के आसपास उजाले में तथा शाम को 8 बजे तक ही जाएं। मुख्य सड़कों का उपयोग करें, खाली सड़कों के उपयोग से बचें। मॉल, समुद्र तट और पार्कों में ज्यादा समय न बिताएं। अगर बच्चों को ट्यूशन क्लासेस अटेंड करनी है तो बड़ों को उन्हें लाने एवं छोडने की जिम्मेदारी दें। अपने वाहनों में कोई कीमती सामान न छोड़ें।


सलाह दी जाती है कि ष्कम से कम 3 महीने या समग्र स्थिति में सुधार होने तक इसका पालन करना होगा।


वरिष्ठ पत्रकार (खतौली) मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश


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