शि.वा.ब्यूरो, मेरठ। शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा तकनीकी दक्षता विकास, समय की मांग विषय पर आधारित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के दूसरे दिन दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम तकनीकी सत्र में आईसीटी टूल्स फॉर बेटर टीचिंग एंड लर्निंग विषय पर शिक्षा संकाय गलगोटिया विश्वविद्यालय के डीन प्रो. सत्येंद्र गुप्ता मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे। प्रो. सत्येंद्र गुप्ता ने ऑनलाइन शिक्षण और प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण मानते हुए इसके 5 बिंदुओं एजुकेशन 4.0, मूक, स्वयं, अर्पित एवं स्वयं प्रभा का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। आपने इन सभी माध्यमों में प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संभावनाओं और समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। सत्र की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संध्या रानी ने की। सत्र के संयोजक एवं मध्यस्थ के रूप में डॉ. आशीष पाठक एवं डॉ. ज्योति चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
मीडिया प्रभारी डा. लता कुमार ने बताया कि दूसरे तकनीकी सत्र में बतौर मुख्य वक्ता पूना वि.वि के प्रो. नीरज दुबे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ एवं अतिथियों का स्वागत तथा परिचय सत्र संयोजक डॉ. अनुजा गर्ग ने महाविद्यालय परिवार की ओर से किया गया। उनके सहयोगी के रुप में मॉडरेटर डॉ. अनीता गोस्वामी ने प्रश्नोत्तर तथा आचार-विचार अंतरण के सत्र का संयोजन किया। इस अवसर पर बोलते हुए अपने उद्बोधन में प्रो. नीरज दुबे ने कोविड १९ के वातावरण में डिजिटल एजुकेशन को एक नई चुनौती के रुप में स्वीकार करते हुए ओबीई अर्थात आउटकम बेस्ड एडुकेशन पर विस्तृत व्याख्यान दिया तथा साथ ही इस बात से भी अपनी सहमति व्यक्त की कि पारंपरिक शिक्षण प्रणाली का स्थान डिजिटल एजुकेशन पूर्णत: नहीं ले सकती। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने वर्क फ़्रॉम होम कल्चर को महिलाओं के एक अवसर के रूप में प्राप्त होने वाली उपलब्धि बताया।
उनके उद्बोधन के उपरांत १००० से भी अधिक प्रतिभागियों के पास से अनेकों प्रश्न आये, जिनका उत्तर देते हुए प्रोफ़ेसर दुबे ने सभी प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। अंत में डॉ. अनीता गोस्वामी ने सभी का आभार व्यक्त किया। दोनों सत्रों के दौरान महाविद्यालय प्राचार्य डा. संध्या रानी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। महाविद्यालय परिवार के सदस्यों में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ दिनेश चंद्र व डा. लता कुमार उपस्थित रहे तथा आयोजक मंडल में कार्यक्रम संयोजक डा. गीता चौधरी, आयोजन सचिव डॉ. भारती शर्मा, कन्वीनर डा. राकेश कुमार, तकनीकी संचालक डॉ. वैभव शर्मा, डा. विकास कुमार ने कार्यकारी भूमिका का निर्वाह किया।
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