शराब की दुकाने खुलने के बाद पहले दिन का नजाराः न परिवार की चिन्ता, न रोजगार की, बस हम तो हैं मस्ती में चाहें आग लगे बस्ती में



शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। जनपद में थर्ड फेस के लॉक डाउन में शासन के निर्देशानुसार जैसे शराब की दुकानें सुबह 10 से सांय 7 बजे तक खोली गई। शराब की दुकानों पर शराब खरीदने वालों की लम्बी-लम्बी लाइने लग गयी। लोग अद्दा, पौवा या बोतल नहीं पेटी की पेटी खरीदने की जिद करते नजर आये। इसके बाद पहले ह दिन शराबियों के रुझान भी आने शुरू हो गए। थाना सिविल लाइन क्षेत्र की पॉश काॅलोनी में शराब पीकर युवकों ने जमकी उत्पात मचाया, जिन्हें बामुश्किल काबू किया जा सका। किसी के द्वारा 112 पर पुलिस को सूचना भी दे दी, लेकिन पुलिस के आने से पहले ही काॅलोनी वासियों ने उत्पाती शराबियों को भगा दिया।




अपनी गरीबी को रोना रोकर सरकार से खाने की व्यवस्था करने की गुहार लगाने वाले कथित कुछ गरीब आज शराब की दुकानें खुलने के पहले ही दिन छककर शराब पीकर टुन नजर आये। जब रोज की तरह नोडल अफसर उन्हें खाना देने आये और उन कथित गरीबों को रईसों की तरह शराब पीकर स्वर्ग के आनन्द लेते देखा तो आग बबूला हो गये और खाना दिये बगैर ही वापिस चले गये। थर्ड फेज के लाॅकडाउन में शराब की दुकाने खुलते ही युवक मानों अपने सारे गम भुलाकर स्वर्ग के आनन्द ले रहा है। इसे न अपने परिवार की चिन्ता है और न रोजगार की। बस हम तो हैं मस्ती में चाहें आग लगे बस्ती में।




संवैधानिक चेतावनी कहती है कि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन संवैधानिक चेतावनी यह नहीं कहती कि शराब सरकारों के लिए हानिकारक है। दो गज की दूरी का सिद्धांत शराब की दुकानें खुलते ही दो बूंद की मजबूरी के आगे हवा हो गया। चालीस दिन पहले जब तालाबंदी की गई थी, तब इलाकों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटे जाने की व्यवस्था नहीं की गयी थी, लेकिन मगर जब तालाबंदी में ढील दी जा रही है तब क्षेत्र की स्थिति के अनुसार तीन प्रकार के जोन की संरचना की गई है, मगर शराब की किस्मत अच्छी है। तीनों जोन में शराब की दुकानों को खोलने की छूट दी गयी है।
जानकारों की मानें तो कोरोना की वजह से सरकारों के सामने इस समय पैसे की सबसे बड़ी समस्या है। पिछले 40 जिन से ज्यादा समय से सरकार को किसी तरह का कोई राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे बंद है। ऐसे में सरकार ने शराब और पेट्रोल के दामों में इजाफा करके पैसा इकट्ठा करना शुरू किया है। दिल्ली के बाद अब यूपी सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ-साथ शराब के दामों में भी इजाफा कर दिया है।




प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि शराब की बिक्री बंद होने से कुछ लोगों ने अवैध शराब पीना शुरु कर दिया था। जिस कारण अवैध शराब गांव-गांव बनने लगी थी। प्रशासन के कार्रवाई करके 80 हजार 20 लीटर अवैध शराब मई के पहले हफ्ते तक पकड़ी गई। उन्होंने बताया कि देशी शराब पर 5 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। जिसके बाद 65 रुपये में मिलने वाली अब 70 रुपये में मिलेगी। इसके साथ ही अंग्रेजी शराब पर 180 उस तक 10 रुपये, 180 से 500 उस तक 20 रुपये और 500 उस से ऊपर 30 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके साथ ही विदेश से आने वाली शराब की बोतल 400 रुपए महंगी हो गई है।


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