शि.वा.ब्यूरो, खतौली। अगर गालियों का प्रतिशत खोजने की कोशिश करें तो पायेंगे कि सबसे ज्यादा गालियां लोग सिस्टम, सरकार व सरकारी कर्मचारियों को देते हैं। ऐसे में आज ऐसा सुखद नजारा पेश-ए-नजर हुआ जो सिस्टम, सरकार व सरकारी कर्मचारियों के प्रति लोगों की राय बदलने के लिए काफी है।
हुआ यूं कि खतौली डिपो की बस लगभग पांच बजे मेरठ चली तो परिचालक ने सभी यात्रियों को उनकी सीट पर जाकर टिकट बनाने के बाद जैसे ही हर सीट पर जाकर लोगों के हाथों को सेनेटाईज कराना आरम्भ किया तो कई यात्री वाह-वाह कर बैठे। इतना ही नहीं रोड़वेज के कई अडियल चालक-परिचालकों की छवि के इतर चालक ने सड़क के किनारे खड़े यात्रियों को देखकर बस रोकी और उन्हें सम्मान के साथ बस में बैठाया। जानकारों की मानें तो संविदा परिचालक अंकुर त्रिपाठी कर्तव्यनिष्ठा की एक जीती-जागती मिसाल हैं और अन्य कर्मचारियों को भी उनसे सीख लेनी चाहिए।
जानकारी करने पर परिचालक ने बताया कि उनका नाम अंकुर त्रिपाठी है और उनकी नियुक्ति स्पोर्ट कोटे में हुई थी और वे प्रयागराज के मूल निवासी हैं। उनकी बहन स्वाति त्रिपाठी भी स्पोर्ट में विशेष रूचि रखती हैं और हैंडबाल की नेशनल प्लेयर है।