अ कीर्ति वर्द्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
इतनी सुन्दर साडी है,
उसमें सुन्दर नारी है,
नंगे पैर चले वो पनघट,
क्या ऐसी लाचारी है?
चित्रकार ने चित्र बनाया,
उसने मन को भी भरमाया,
पथ में काँटा चुभा पाँव में,
लगती कितनी बेचारी है|
मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश