जीवन की आपाधापी

डॉ. अ कीर्तिवर्ध, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

जीवन की आपाधापी में, 
कुछ बातें बिसरा देते हैं,
कुछ याद रहें हमको, 
कुछ जानबूझ ठुकरा देते हैं।
है अजब उलझन, 
किसको भूलें-याद किसको करें,
अक्सर अपने ज़ख़्म देते, 
ग़ैर मरहम लगा देते हैं।
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश।

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