कब तलक

अ कीर्ति वर्द्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

कब तलक बैशाखियों के सहारे चलें,
कब तलक हत्यारों की दया पर पलें।
ज़िन्दगी में मौत बस एक बार आती,
मौत से पहले क्यों उसके रंग में ढलें।

बेबसी की बैशाखियों को तोड़कर,
मौत से रिश्ता सखी का जोड़कर
चल निकल राजपथ पर जिन्दगी,
डर भय कुंठा का दामन छोड़कर।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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