राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कुछ नादानियां
कुछ अठखेलियां
बाकी है मुझ में ।
क्षण-क्षण घूमती
मृत्यु के बीच में
जीवांत जीवन
बाकी है मुझ में।
झूठ के चलते बवंडर में
सत्य का
जलता हुआ दीपक
बाकी है मुझ में।
जीवन मृत्यु के बोध में
हे!ईश्वर तेरा ध्यान
बाकी है मुझ में।
भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा (कांगड़ा) हिमाचल प्रदेश