गौरव सिंघल, देवबंद। उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ द्वारा खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) देवबंद द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि चार अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लखनऊ के डिफेंस एक्सपों मैदान में ग्राम रोजगार सेवकों के हित में जो घोषणाएं कि गई थी, ग्राम विकास विभाग के उच्च अधिकारियों कि लापरवाही के कारण उन पर कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया गया।
ज्ञापन में मांग की गई है कि मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम रोजगार सेवकों व मनरेगा कार्मियों के सम्बन्ध में की गयी घोषणाओं पर आदेश निर्गत कराये जाये, ग्राम रोजगार सेवकों से मूल ग्राम पंचायत के साथ-साथ रिक्त ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाये, कोविड के अतिरिक्त आकस्मिक/दुर्घटना से मृत्यु होने पर उसके आश्रित की सेवा में समायोजित किया जाये, राज्य वित्त, केन्द्रीय वित्त एवं अन्य निधियों में श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान मनरेगा से किया जाये। इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा अभिसरण हेतु 12.04.2016 व 16 मई 2017 को शासनादेश भी जारी किया गया है। ईपीएफ कटौती की धनराशि कर्मचारियों के यूएएन खाते में भेजी जाएं। अनुमोदन से विरक्त ग्राम रोजगार सेवकों का अनुमोदन करवाते हुए ग्राम पंचायतों में योगदान दिया जाए, ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये, पूर्व वित्तीय वर्षो में बकाया मानदेय भुगतान हेतु निर्देश जारी कराया जाए, बिल बाउचर, मस्टर रोल पर अनिवार्य हस्ताक्षर व श्रमिकों की डिमान्ड ग्राम रोजगार सेवक से ही लिया जाए, प्रत्येक माह प्रदेश स्तर/जनपद स्तर पर समस्याओं के निस्तारण हेतु बैठक की तिथि निर्धारित किया जाए।