आगंनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस आयोजित, अभिभावकों को वजन का अनुपात और लंबाई का महत्व बताया

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। पोषण माह के तहत जनपद के समस्त ब्लॉक में 2274 आगंनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों का वजन और ऊंचाई नापी गयी और इसके महत्त्व के विषय अभिभावकों को जानकारी दी गयी। बाल विकास परियोजना अधिकारियों की निगरानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वजन करने के बाद कुपोषित बच्चों को पोषक आहार देने के विषय में अभिभावकों को जानकारी दी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गौड़ ने बताया कि पोषण माह के तहत मंगलवार को सभी 2274 आगंनबाड़ी केंद्रों पर वजन दिवस मनाया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान बच्चों का वजन और ऊंचाई नापी गयी और इसके महत्त्व के विषय अभिभावकों को जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारियों की निगरानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वजन करने के बाद कुपोषित बच्चों को पोषक आहार देने के विषय में अभिभावकों को जानकारी दी। उन्होंने कुपोषित बच्चों को नियमित पोषाहार देने की सलाह देते हुए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वार दिये जाने वाले पोषाहार के विषय में भी बताया गया। उन्होंने बताया कि जिले के सभी ब्लाक में पंजीकृत बच्चों के वजन एवं ऊंचाई नाप कर कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान भी की गयी। उन्होंने बताया कि अति कुपोषित बच्चों को जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में संदर्भन के विषय में भी अभिभावकों को जागरूक किया गया।
उन्होंने बताया कि उम्र के हिसाब से बच्चे का वजन कम या ज्यादा है तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि सही वजन बच्चों को स्वस्थ रखने के साथ साथ कई बीमारियों से भी दूर रखता है, इसलिए उम्र के मुताबिक सही वजन की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जन्म के समय जिन बच्चों का वजन दो किलोग्राम से कम रहता है, उन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि इसकी वजह से संक्रमण तेजी से फैलता है एवं कई प्रकार के रोग होने का बच्चे को खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि सामान्य स्थिति में जन्म के समय ढाई किलोग्राम से लेकर साढ़े तीन किलोग्राम तक के वजन वाले बच्चों को स्वस्थ माना जाता है।

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