डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है,
और संस्कृति की थाती है,
संस्कृत की छोटी बहना है,
जन जन को यह भाती है।
जैसा लिखा वही है पढ़ना,
जो बोलो वैसा ही लिखना,
नहीं शांत इसमें अक्षर हैं,
अमृत सा सुख बरसाती है।
विद्यालक्ष्मी निकेतन, 53-महालक्ष्मी एन्क्लेव, मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश