डॉ. अ कीर्तिवर्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
बोलना रजत
मौन स्वर्ण बताया गया,
बढ़ता विवाद
बढ़ता विवाद
मौन से सुलझाया गया।
बोलने वाला सदैव
बोलने वाला सदैव
सब पर हावी हुआ,
मौन रहने वाला
मौन रहने वाला
सदा ही दबाया गया।
बड़ों के सम्मुख
बड़ों के सम्मुख
बहस से मौन बेहतर,
कुतर्क के सम्मुख
कुतर्क के सम्मुख
तर्क से मौन बेहतर।
विपरीत हालात में
विपरीत हालात में
शांत मन की ज़रूरत,
घर की शांति के लिये
घर की शांति के लिये
सदा मौन बेहतर।
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश।