कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 'पीपी मॉडल' अपना सकती है ?

दीपक कोहली, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

इन दिनों कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर सियासी घमासान अपने चरम सीमा पर है। कई बड़े मंचों पर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बहस हो रही है। राजनीतिक विद्वान अपने-अपने तर्क और राय दे रहे हैं। कोई कह रहा है कॉन्ग्रेस को अपना अध्यक्ष गांधी परिवार से हटकर किसी तीसरे व्यक्ति को बनाना चाहिए तो कोई कह रहा है कांग्रेस को गांधी परिवार के भीतर से ही अपना अध्यक्ष चुनना चाहिए। कांग्रेस के लिए जितना जरूरी गांधी परिवार है, उतना ही गांधी परिवार के लिए कांग्रेस जरूरी है। कांग्रेस के बिना गांधी परिवार की राजनीतिक पहचान और पकड़ शून्य है। ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा ? क्या कॉन्ग्रेस गांधी परिवार से बाहर जाकर अपना अध्यक्ष चुनेगी ?

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे अधिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ेगे और मीरा कुमार का नाम आगे आ रहा है। देखना होगा कांग्रेस इन तीनों नेताओं में से किस पर विश्वास करेगी या गांधी परिवार में से ही किसी एक को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी जाएगी। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव अक्टूबर में होने वाला है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भारत यात्रा निकाल रहे हैं। जब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव होगा, तब राहुल गांधी की भारत यात्रा को करीब एक माह हो चुका होगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अपनी भारत यात्रा के बीच में राहुल गांधी कैसे अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दर्ज करेंगे ? अगर राहुल गांधी को उनकी भारत यात्रा के आधे सफर में अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर राहुल गांधी की भारत यात्रा का महत्व क्या रह जाएगा ? क्या राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल रुक जाएगी ?
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अपने अध्यक्ष पद के लिए 'पीपी मॉडल' को भी अपना सकती है। 'पीपी मॉडल' यानी पायलट और प्रियंका को पार्टी की जिम्मेदारी देकर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी करना है। कांग्रेस के इस 'पीपी मॉडल' में राजनीतिक दम भी दिखाई देता है। सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के सबसे लोकप्रिय युवा चेहरों में से एक है, जबकि प्रियंका गांधी गांधी परिवार से आती है और अपनी राजनीतिक समझ के लिए पार्टी और जनता में लोकप्रिय है। राहुल गांधी के मुकाबले प्रियंका गांधी राजनीति में काफी परिपक्व लगती है। राहुल गांधी का विपक्षी पार्टियों ने दिन-रात मजाक बनाकर उनकी राजनीतिक छवि धूमिल कर दी है। जिससे राहुल गांधी अगर कोई तर्कपूर्ण और अच्छी बात भी करते हैं, तो जनता उसे मजाक में ही लेती है। वर्तमान में सत्ता पक्ष किसी विपक्षी नेता के बयान को सबसे गंभीरता से लेती है तो वह है राहुल गांधी और सबसे अधिक हमले भी राहुल गांधी पर ही करती है।

'पीपी मॉडल' के जरिए कांग्रेस पार्टी युवा और बुजुर्ग नेताओं को साथ में ला सकती है। इस मॉडल के तहत पार्टी में चल रही उथल-पुथल को भी रोका जा सकता है। भारतीय लोकतंत्र के लिए विपक्ष का जिंदा रहना बहुत जरूरी है। बतौर विपक्ष पार्टी के तौर पर कांग्रेस देश में अन्य पार्टियों के मुकाबले मजबूत तो है, मगर कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल पार्टी को लगातार कमजोर कर रही है। कांग्रेस का लगातार कमजोर होना देश की राजनीति के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह तो वक्त ही बता पाएगा कि कांग्रेस पार्टी 'पीपी मॉडल' के तहत अध्यक्ष बनाती है या फिर कोई और मॉडल लाकर पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव कराती है।

अल्मोडा, उत्तरांचल



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