शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। सनातन धर्म सभाभवन में आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा समिति के तत्वाधान में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के छठे दिन कथाव्यास युवासंत प्रमोद सुधाकर महाराज नेे रूक्मणि विवाह, उद्व चरित्र का वर्णन किया। कथा में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, संजय गर्ग, कुलदीप सिंह अहलावत, यजमा में मनीष सिंघानिया, संजव बिंदल, नितिन मित्तल व हरिगोपाल माहेश्वरी मौजूद रहे।
कथा ज्ञानयज्ञ के छठे दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ। महाराज ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं, उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यवान का वध, उद्धव गोपी संवाद, ऊद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय कथा का श्रवण कराया गया। महाराज ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।
उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई।
कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं, उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है, इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। उन्होने बताया कि यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। उन्होने बताया कि संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत रुप से कथा सुनाई।
कार्यक्रम में मुख्य पदाधिकारी पवन गोयल, अजय गुप्ता, संदीप मित्तल, अजय गोयल, आनंद गुप्ता, अमित गोयल, नवीन मित्तल, देवेंद्र मूर्ति, रजत गोयल, अभिषेक, संदीप मित्तल, रीता गोयल, रूचि मित्तल, ममता आदि श्रद्धालुगण मौजूद रहे।