हिन्दी दिवस के अवसर पर जनपद न्यायालय परिसर में गोष्ठी आयोजित

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण केे अध्यक्ष चवन प्रकाश केे निर्देशन में हिन्दी दिवस के अवसर पर जनपद न्यायालय परिसर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

हिन्दी दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश द्वारा हिन्दी में लिखने पढने हिन्दी में काम करने व बातचीत करने की प्रेरणा दी गई। उन्होने कहा कि हिन्दी हमारी जननी भाषा है तथा जिस प्रकार बाकी दुनिया के प्रभाव के में आकर हम अपनी मॉ को नही  भुला सकते, उसी प्रकार हमें हिन्दी भाषा को भी नही भुलना है। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति है। परिवार न्यायालय केे प्रधान न्यायाधीश सत्यानन्द उपाध्याय ने कहा कि आज कल लोग हिन्दी में बात करने, काम करने मे स्वंय में कमतर आंकने  लगते है। उन्होने कहा कि इस मानसिकता को हमें दूर करना होगा। उन्होने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति का एक माध्यम है और यदि वक्ता व श्रोता दोनो ही उस भाषा से भिज्ञ है तो उससे अच्छा अभिव्यक्ति का माध्यम नही हो सकता। 

इस अवसर पर प्रथम अपर जनपद न्यायाधीश जयसिंह पुण्डीर ने बताया गया कि निचली अदालतो के सभी कार्य हिन्दी में होतें है तथा उच्चतम व उच्च न्यायालयों के द्वारा भी हिन्दी में कार्य करने के सम्बन्ध में समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किये जाते है। अपर जनपद न्यायाधीश तेरह शक्ति सिंह, अपर जनपद न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रीमा मल्होत्रा, सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय संख्या-4 श्री अंकित रस्तौगी, द्वारा भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम का संचालन सिविल जज सीनियर डिवीजन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सलोनी रस्तौगी ने किया।



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