संजय शर्मा "राज", मुंबई। मुंबई डायबिटीज केयर फाउंडेशन (एमडीसीएफ) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा 14 नवंबर 2022 को 'वर्ल्ड डाइबिटीज़ डे' के अवसर पर भव्य 'वॉकथॉन' का आयोजन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस पर लोगों को डाइबिटीज़ के बारे में शिक्षा देने का,जागरूकता पैदा और इसे रोकने के थीम पर रक्खा गया था, जिससे भविष्य में इससे लोगों को बचाया जा सके और मधुमेह के साथ भी आसानी से पूर्ण जीवन जी सके। 'वॉकथॉन' के बाद सबकी की मधुमेह की जांच की गयी और बाद में शानदार व स्वस्थ नाश्ता दिया गया और फिर उनकी जांच की गई।
इस अवसर पर एमडीसीएफ के ट्रस्टी डॉ पूर्वी चावला ने कहा किइस तरह के अभियान से प्रत्याशित परिणाम यह है कि अधिक से अधिक लोग डायबिटीज की जांच करेंगे, क्योंकि डायबिटीज वाले आधे लोगों का निदान नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज वाले लोग यह याद रखेंगे कि एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज को अच्छी तरह से प्रबंधित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए समय रहते उचित कदम उठाना जरुरी है।"
उन्होंने कहा कि डायबिटीज लोगों में तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए हमें अधिक विशेषज्ञों की आवश्यकता है जो रोगियों की मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि इसी कारण डायबिटीज अनुसंधान और समाधान (डीआरएस),एक अद्वितीय शैक्षणिक सम्मेलन आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि पूरे देश और स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञों ने डायबिटीज के साथ रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए नवीनतम शोध, तकनीकी प्रगति और क्लिनिकल मामलों को प्रस्तुत करके डायबिटीज के विभिन्न पहलुओं और संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।
चर्चा के दौरान एमडीसीएफ के डॉ मनोज चावला और आरएसएसडीआई के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य ने कहा कि डायबिटीज के बारे में शिक्षा और जागरूकता आज के समय की जरूरत है, दोनों सामान्य आबादी और स्वास्थ्य देखभाल करनेवाले डॉक्टर डायबिटीज के जीवनशैली में संशोधन और दवा प्रबंधन के लिए नवीनतम सिफारिशों को अपनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।