गौरव सिंघल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जनपद के थाना नानौता क्षेत्र के एक माह के दौरान सामने आए ऐसे पांच मामलों से पता चलता है कि पढ़ाई को लेकर बच्चों में उब पैदा हो रही है। दूसरे बच्चे मां-बाप की डांट खाने से बचते हैं और तीसरे ऐशो-आराम की जिंदगी के प्रति उनका आकर्षण बेतहाशा बढ़ रहा है। मानव तस्करी पर नजर रखने और उसे रोकने वाली एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग इकाई ने गुमशुदा बच्चों की तलाश के बाद बताया कि पूरे देश में बच्चों में घर से भागने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। घर से भागे सबसे ज्यादा बच्चे यानि 64 प्रतिशत दिल्ली से बरामद हुए हैं।
सहारनपुर जिले के नानौता थाना क्षेत्र में एक माह के दौरान चार मामले सामने आए हैं। सभी पांच बच्चों को पुलिस बरामद कर उनके परिजनों को सौंप चुकी है। 9 नवंबर को उमाही राजपूत गांव का दसवीं का छात्र रोजगार की तलाश में घर से भागा था। पांच नवंबर को गांव बकडौली का दसवीं का छात्र हिमांशु कश्यप को स्कूल में प्रवेश नहीं मिला और वह स्कूल जाने के बहाने रोज घर से निकलता था। 23 अक्टूबर को इसी गांव बकडौली का आठवीं का छात्र प्रियवर्त पुत्र नीरज घर से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे इसी जिले के थाना एवं कस्बा सरसावा के एक ढाबे से बरामद किया। 12 अक्टूबर को गांव भौजपुर की दो चचेरी बहनें अपने पैरों पर खड़ा होने का लक्ष्य लेकर घर से भाग गई थीं। थानाध्यक्ष नानौता चंद्रसेन सैनी की अगुवाई वाली पुलिस टीम ने दोनों बहनों को कुछ घंटे के भीतर ही तलाश कर उनके परिजनों को सौंप दिया था।
देवबंद (सहारनपुर) उत्तर प्रदेश
सहारनपुर जिले के नानौता थाना क्षेत्र में एक माह के दौरान चार मामले सामने आए हैं। सभी पांच बच्चों को पुलिस बरामद कर उनके परिजनों को सौंप चुकी है। 9 नवंबर को उमाही राजपूत गांव का दसवीं का छात्र रोजगार की तलाश में घर से भागा था। पांच नवंबर को गांव बकडौली का दसवीं का छात्र हिमांशु कश्यप को स्कूल में प्रवेश नहीं मिला और वह स्कूल जाने के बहाने रोज घर से निकलता था। 23 अक्टूबर को इसी गांव बकडौली का आठवीं का छात्र प्रियवर्त पुत्र नीरज घर से फरार हो गया था। पुलिस ने उसे इसी जिले के थाना एवं कस्बा सरसावा के एक ढाबे से बरामद किया। 12 अक्टूबर को गांव भौजपुर की दो चचेरी बहनें अपने पैरों पर खड़ा होने का लक्ष्य लेकर घर से भाग गई थीं। थानाध्यक्ष नानौता चंद्रसेन सैनी की अगुवाई वाली पुलिस टीम ने दोनों बहनों को कुछ घंटे के भीतर ही तलाश कर उनके परिजनों को सौंप दिया था।
देवबंद (सहारनपुर) उत्तर प्रदेश