रेखा घनश्याम गौड़, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
सब रिश्तों से मासूम होता है
माॅसी के साथ भांजे का रिश्ता,
नाना-नानी का चहेता,
सबका लाड़ला मोक्षित मेरा,
मासी के जी का टुकड़ा भांजा मेरा,
सहस्रों सहस्र वर्ष जिये लाल मेरा,
मैं जीती हूँ खिलता हुआ चेहरा देख कर तेरा।
खुश रहो तुम सदा जीवन में बहार रहे,
तुम्हारा भोलापन सदा जीवन में कायम रहे।
जयपुर, राजस्थान
सब रिश्तों से मासूम होता है
माॅसी के साथ भांजे का रिश्ता,
नाना-नानी का चहेता,
सबका लाड़ला मोक्षित मेरा,
मासी के जी का टुकड़ा भांजा मेरा,
सहस्रों सहस्र वर्ष जिये लाल मेरा,
मैं जीती हूँ खिलता हुआ चेहरा देख कर तेरा।
खुश रहो तुम सदा जीवन में बहार रहे,
तुम्हारा भोलापन सदा जीवन में कायम रहे।
जयपुर, राजस्थान
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